कोरोना संक्रमित अभियंता ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान
कोरोना वायरस अब तन के साथ ही मन पर भी हमला करने लगा
जागरण संवाददाता, नौपेड़वा (जौनपुर): कोरोना वायरस अब तन के साथ ही मन पर भी हमला करने लगा है। इस वैश्विक महामारी के चलते सोमवार को पिता के गुजर जाने की सूचना पर दिल्ली से घर के लिए चले कोरोना संक्रमित इंजीनियर बेटे ने मंगलवार को घर से एक किलोमीटर पहले ही ट्रेन के आगे कूदकर मौत को गले लगा लिया। यह दुखद घटना वाराणसी-लखनऊ वाया सुल्तानपुर रेलमार्ग पर बक्शा थाना क्षेत्र के लखनीपुर गांव में हुई।
बेलापार निवासी सेवानिवृत्त खंड विकास अधिकारी व सपा ब्लाक इकाई के अध्यक्ष धर्मराज यादव कोरोना पीड़ित थे। सोमवार को अचानक उनकी तबीयत बेहद खराब हो गई। सांस टूटने लगी। स्वजन के लाख प्रयास करने के बाद भी आक्सीजन नहीं मिल सका और उनकी सांसें थम गईं। उनकी पत्नी शारदा देवी की भी हालत ठीक नहीं है। मृत धर्मराज के दो पुत्रों में बड़े ललित यादव गांव में रहते हैं जबकि छोटे पुत्र पेशे से इंजीनियर अमित यादव (35) दिल्ली में नौकरी करते थे। पिता के देहांत व माता की हालत खराब होने की खबर सुनकर अमित बैग में लैपटाप लेकर ट्रेन से घर के लिए चल पड़े। भाई ललित से एक बार मोबाइल फोन पर बात हुई। इसके बाद अमित का मोबाइल फोन का स्वीच आफ बताने लगा। बक्शा थाना प्रभारी निरीक्षक वशिष्ठ यादव ने बताया कि अमित ने मंगलवार को बक्शा स्टेशन पहुंचने के बाद स्टेशन मास्टर से लखनीपुर गांव का लोकेशन व किसी ट्रेन के आने के बारे में पूछा। रेलवे लाइन किनारे-किनारे गांव की तरफ रवाना हुए। लखनीपुर गांव के पास पहुंचे तो जौनपुर की ओर बेगमपुरा एक्सप्रेस आती दिखी। अमित ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। तलाशी में पर्स में मिले कागजात के आधार पर पुलिस ने स्वजन को घटना की सूचना दी। पर्स में मिले सुसाइड नोट में अमित ने लिखा है कि आत्महत्या के लिए कोई दोषी नहीं है। वह कोरोना संक्रमित होने के कारण मौत को गले लगा रहा है। पिछले वर्ष हुई थी मृत इंजीनियर अमित की शादी
मृत अमित यादव की पिछले वर्ष धूमधाम से शादी हुई थी। चंद शब्दों के सुसाइड नोट में अमित ने काल माई वाइफ माधुरी लिखा है। पिता के एक दिन बाद ही बेटे की मौत से घर में कोहराम मच गया है। स्वजन की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।