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स्वच्छ भारत मिशन को मुंह चिढ़ा रहे सामुदायिक शौचालय

स्वच्छ भारत मिशन के तहत भले ही गांवों को खुले में शौच मुक्त करने का संकल्प लेकर सरकार लाखों रुपये पानी की तरह बहा रही हो लेकिन इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। इसका उदाहरण विकास खंड क्षेत्र के अधिकांश गांवों में देखने को मिल रहा है। जहां आलम यह है कि दो वर्ष बाद भी सामुदायिक शौचालय ग्रामीणों को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 10:39 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 10:39 PM (IST)
स्वच्छ भारत मिशन को मुंह चिढ़ा रहे सामुदायिक शौचालय
स्वच्छ भारत मिशन को मुंह चिढ़ा रहे सामुदायिक शौचालय

जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर) : स्वच्छ भारत मिशन के तहत भले ही गांवों को खुले में शौच मुक्त करने का संकल्प लेकर सरकार लाखों रुपये पानी की तरह बहा रही हो, लेकिन इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। इसका उदाहरण विकास खंड क्षेत्र के अधिकांश गांवों में देखने को मिल रहा है। जहां आलम यह है कि दो वर्ष बाद भी सामुदायिक शौचालय ग्रामीणों को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

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बदलापुर विकास खंड क्षेत्र में कुल 95 ग्राम पंचायतें हैं। सभी ग्राम पंचायतों में दो वर्षो से स्वच्छ भारत मिशन के तहत मलिन बस्तियों या जहां भूमि के अभाव के चलते व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण नहीं हो सका था वहां सामुदायिक शौचालय बनाने का निर्णय लिया गया। यह शौचालय साढ़े तीन लाख की लागत से वर्ष 2020 में बनना शुरू हुए। जिसमें दो सीटर शौचालय, बाथरूम, सबमर्सिबल पंप सहित प्लंबरिग का काम होना था, लेकिन आज तक अधिकांश गांवों में शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। यदि पूरा भी हुआ है तो वहां ताला लटक रहा है। ऐसे में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं गांवों में औंधे मुंह गिर गई हैं।

क्षेत्र के ग्राम पंचायत चंदापुर में दो वर्ष पूर्व शौचालय का निर्माण शुरू हुआ। बाहर से रंगाई-पोताई कराकर भव्य स्लोगन सहित सामुदायिक शौचालय लिखवा दिया गया है, लेकिन अंदर न तो पाट बैठाया गया और न ही टाइल्स व सबमर्सिबल ही लगा है। इसी तरह शाहपुर में दलित बस्ती के पास शौचालय का निर्माण तो कराया गया है, लेकिन आज तक अधूरा है। इसी तरह मल्लूपुर, डेहुड़ा देवरामपुर आदि गांवों में भी निर्माण कार्य अधूरा है।

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बोले ग्रामीण----

दो माह पूर्व जूनियर हाईस्कूल के सामने सामुदायिक शौचालय बनकर तैयार है। आज तक वह खुला नहीं, उसमें ताला लटक रहा है। जिससे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है।

- अवनीश दुबे, पहितियापुर।

................. प्राचीन गौरीशंकर धाम चंदापुर के पास दो वर्ष से शौचालय निर्माणाधीन है। जो आज तक पूरा नहीं हो सका। बाहर से तो इस तरह सजाया गया है कि लगता ही नहीं कि अधूरा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।

-बृजेश सिंह, चंदापुर।

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एक वर्ष से सामुदायिक शौचालय का निर्माण दलित बस्ती के पास हो रहा है। छह माह से काम रुका हुआ है। अभी तक न तो उसमें पाट बैठा और न ही सबमर्सिबल ही लगाया गया है। जिससे ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

-बखानू यादव, शाहपुर।

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आठ माह पूर्व शौचालय का निर्माण हुआ था। अभी तक प्लंबरिग का कार्य अधूरा होने से ग्रामीण इसका लाभ नहीं पा रहे हैं। जिसे अतिशीघ्र पूरा कराकर समूह के माध्यम से संचालित किया जाएगा।

- घनश्याम मौर्य, प्रधान सरायगुंजा।

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बोले जिम्मेदार---

सभी सचिवों को सामुदायिक शौचालय समूह को हैंड ओवर करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही सात गांवों के अपूर्ण शौचालयों को तीन दिन में पूर्ण कराने को निर्देशित किया गया है। ऐसा न होने पर कार्रवाई की जाएगी।

- राम अवध, सहायक विकास अधिकारी पंचायत।


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