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प्रबंधकीय विवाद कि चोरी या फिर कुछ और..

पं. सभापति दुबे इंटर कालेज उतिराई

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 05:42 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 05:42 PM (IST)
प्रबंधकीय विवाद कि चोरी या फिर कुछ और..
प्रबंधकीय विवाद कि चोरी या फिर कुछ और..

जासं, सिकरारा (जौनपुर): पं. सभापति दुबे इंटर कालेज उतिराई, बड़ेरी के संस्थापक प्रबंधक दिव्यांग सभापति दुबे की शनिवार की रात नृशंस हत्या पहेली बन गई है। हत्या किसने और क्यों की, इसके तह में जाकर कातिलों को दबोचना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। मृतक के भाई के पौत्र मानस दुबे की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर छानबीन में जुटी पुलिस का दावा है कि जल्द ही पर्दाफाश कर कातिलों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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निजामुद्दीनपुर गांव निवासी पं. सभापति दुबे (85) पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। युवावस्था में कानपुर में बिजली विभाग में नौकरी लग गई। सेवाकाल के दौरान ही दुर्घटनाग्रस्त होने पर संक्रमण के चलते डाक्टरों को बायां पैर काटना पड़ा। इससे वह इस कदर व्यथित हुए कि आजीवन अविवाहित रहने फैसला कर लिया। रिटायर होने पर अपने नाम से कालेज की स्थापना की। कुछ ही वर्षों बाद रिश्तेदारों से ही प्रबंधकीय विवाद शुरू हो गया। एक रिश्तेदार ने धोखे से प्रबंध तंत्र पर कब्जा जमा लिया। करीब तीन वर्ष संघर्ष के बाद 2017 में जब सभापति दुबे पुन: प्रबंधक बने तो सिकरारा थाने में चार रिश्तेदारों पर छल व कूटरचित दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज कराया था। हत्यारों के कालेज प्रबंधन से जुड़े कागजात के साथ ही नकदी व मोबाइल फोन उठा ले जाने से पुलिस असमंजस में पड़ गई है। हत्या की वजह प्रबंधकीय विवाद है कि चोरी या फिर कुछ और। पुलिस हर पहलू से गहराई से तहकीकात कर रही है।

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अनुचर की भूमिका भी जांच के दायरे में

पं. सभापति दुबे की सेवा-टहल करने वाला कालेज का अनुचर चंदू रोज उनके साथ आवास में ही सोता था। आखिर क्यों वारदात की रात आवास में न सोकर कालेज में सोने चला गया। रात में आवास के शटर में अंदर से बंद ताला कैसे खुला? किसी परिचित के कहने पर सभापति दुबे ने खुद खोला या पहले से ही कोई अंदर मौजूद था। साक्ष्य जुटाने आई फोरेंसिक टीम का कहना है कि पं. सभापति दुबे का सिर जमीन पर कई बार पटका गया जिससे उनकी मौत हुई। माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रांतीय प्रधान महासचिव फौजदार सिंह, अखिलेश व अन्य लोगों ने हत्याकांड के जल्द खुलासे की मांग की है।

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मानस दुबे को बना रखा था वारिस

पं. सभापति दुबे ने अपने बड़े भाई राम केवल दुबे के पौत्र मानस दुबे को गोद ले रखा था। अपने हक-हिस्से की संपत्ति की वसीयत मानस के ही नाम कर रखी थी।


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