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बांस की खेती कर मजबूत कर रहे आर्थिक स्थिति

जागरण संवाददाता बदलापुर (जौनपुर) सच ही कहा गया है कि खेती-किसानी बागवानी घाटे का सौ

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 09:34 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 09:34 PM (IST)
बांस की खेती कर मजबूत कर रहे आर्थिक स्थिति
बांस की खेती कर मजबूत कर रहे आर्थिक स्थिति

जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर): सच ही कहा गया है कि खेती-किसानी, बागवानी घाटे का सौदा नहीं है। जरूरत है तो परिश्रम व लगन से कार्य करने की। ऐसा ही कर दिखाया है बदलापुर क्षेत्र के दुगौलीकला निवासी शिक्षक अतुल सिंह ने। इन्होंने अपने दो एकड़ खेत में बांस की खेती कर न सिर्फ आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाई है। इनकी बांस की खेती देखने वन विभाग की टीम के साथ ही वैज्ञानिक भी गांव पहुंच रहे हैं।

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अतुल सिंह ने अपने दो एकड़ खेत में जून 2020 में जबलपुर से ले आकर 12 सौ पौधे बांस का लगवाया। एक पौधे पर लगभग 70 रुपये खर्च हुए। बताया कि बांस की खेती से कई लाभ हैं। चार साल में जब तक बांस के पौधे तैयार होंगे तब तक इसमें खेती भी की जा सकती है। चौथे साल बांस तैयार होने पर प्रति बांस डेढ़ सौ रुपये में आकर व्यापारी ले जाएंगे। बताया कि बांस की खेती में लागत कम मुनाफा अधिक है। इसके साथ ही इससे पर्यावरण भी संरक्षित हो रहा है। बताया कि हाल में ही वन अनुसंधान केंद्र प्रयागराज के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.कुमुद दुबे वन क्षेत्राधिकारी केके सिंह के साथ बांस की खेती देखने पहुंचे थे। इतना ही नहीं बांस की खेती को वन विभाग राष्ट्रीय बम्बू मिशन के तहत चयनित किया है। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए इस योजना के तहत चयनित किया गया है। योजना के तहत किसान को अनुदान भी दिया जाएगा।


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