बीडीओ, एई व सेक्रेटरी समेत 9 पर केस दर्ज
प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला कर लाखों रुपये हड़पने व पात्रों की जगह अपात्रों को आवास आवंटित करने के मामले में शाहगंज के खंड विकास अधिकारी सहायक अभियंता सेक्रेटरी व ग्राम प्रधान समेत नौ आरोपितों के खिलाफ खेतासराय थाना पुलिस ने धोखाधड़ी गबन व अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह कार्रवाई अपर सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) के आदेश के तहत की गई। पुलिस ने एफआइआर की कॉपी कोर्ट में दाखिल की है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला कर लाखों रुपये हड़पने व पात्रों की जगह अपात्रों को आवास आवंटित करने के मामले में शाहगंज के खंड विकास अधिकारी, सहायक अभियंता, सेक्रेटरी व ग्राम प्रधान समेत नौ आरोपितों के खिलाफ खेतासराय थाना पुलिस ने धोखाधड़ी, गबन व अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह कार्रवाई अपर सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) के आदेश के तहत की गई। पुलिस ने एफआइआर की कॉपी कोर्ट में दाखिल की है।
खेतासराय थाना क्षेत्र निवासी अनुसूचित जाति के दयाराम ने कोर्ट में दफा 156(3) के तहत अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दरखास्त दिया। आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान तिलक राज, खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी, सेक्रेट्री, सहायक अभियंता एवं अन्य कर्मचारी आपस में षड्यंत्र व फर्जीवाड़ा करके प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार द्वारा दिए जा रहे धन एवं सहूलियत का दुरुपयोग कर गबन रहे हैं। अपात्र लोगों को कूटरचित ढंग से गलत आख्या तैयार कर उन्हें पात्र बताकर योजना के तहत धन उपलब्ध करा रहे हैं। पहले योजना का लाभ ले चुके राधे मोहन व बसंता को भी लाभार्थी बनाया गया। इसी प्रकार जगदीश के मकान के बाहरी हिस्से में प्लास्टर कराकर पूरा धन गबन कर लिया। वादी को पात्र होने के बावजूद लाभ नहीं दिया गया। योजना का लाभ ऐसे लोगों को दिया जा रहा है जिनके पास पहले से पक्का मकान है। नजमा बानो पुत्री डा. फैजान को भी योजना का लाभ दिया गया जबकि उनके पास पक्का मकान है। अपात्रों के खाते में रुपये आने के बाद सभी आपस में बंदरबांट करते हैं। यही हाल पूरे जिले का है। व्यापक पैमाने पर घोटाला किया जा रहा है। पात्रों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जब वादी ने इसका विरोध किया तो आरोपितों ने जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए जान से मारने की धमकी दी। पुलिस अधीक्षक व अन्य शीर्ष अधिकारियों को दरखास्त के बावजूद भी सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट ने प्रथम ²ष्टया संगीन मामला पाते हुए आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
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