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सड़क हादसा आधा करने को अभियान

जागरण संवाददाता, जौनपुर: 'दैनिक जागरण' का लोकप्रिय कालम 'प्रश्न प्रहर' सामयिकता के लिहाज से पाठकों के लिए मुफीद रहा। गुरुवार को मेहमान रहे उपसंभागीय परिवहन अधिकारी उदयवीर ¨सह से न सिर्फ यातायात संबंधी समस्याओं से निजात के उपाय पूछे बल्कि वाहनों के पंजीकरण, लाइसेंस बनवाने, अमान्य वाहनों के संचालन आदि को लेकर प्रश्नों की झड़ी लगा दी। श्री ¨सह ने संजीदगी से उनके प्रश्नों का उत्तर दिया। कहा कि लगातार बढ़ रहे हादसों में पचास प्रतिशत कमी लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 05:56 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 05:56 PM (IST)
सड़क हादसा आधा करने को अभियान
सड़क हादसा आधा करने को अभियान

जागरण संवाददाता, जौनपुर: 'दैनिक जागरण' का लोकप्रिय कालम 'प्रश्न प्रहर' सामयिकता के लिहाज से पाठकों के लिए मुफीद रहा। गुरुवार को मेहमान रहे उपसंभागीय परिवहन अधिकारी उदयवीर ¨सह से लोगों ने न सिर्फ यातायात संबंधी समस्याओं से निजात के उपाय पूछे बल्कि वाहनों के पंजीकरण, लाइसेंस बनवाने, अमान्य वाहनों के संचालन आदि को लेकर प्रश्नों की झड़ी लगा दी। श्री ¨सह ने संजीदगी से उनके प्रश्नों का उत्तर दिया। कहा कि लगातार बढ़ रहे हादसों में पचास प्रतिशत कमी लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उम्मीद है जनसहयोग से इसमें निश्चित सफलता मिलेगी। प्रस्तुत है प्रमुख सवाल व उनके जवाब:- सवाल:- सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। हादसों को रोकने के लिए परिवहन विभाग की क्या पहल है?

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जवाब:- देश सड़क दुर्घटनाओं मरने वालों का आंकड़ा अविकसित देशों की श्रेणी में है। यहां एक लाख में 23 लोगों की मौत हो रही है जबकि विकसित देशों में यह आंकड़ा महज नौ प्रतिशत है। जनपद में वर्ष 2018 में 526 घटनाओं में 367 लोगों की मौत हो गई जबकि 2017 में 334 लोग ही मरे थे। सड़क हादसों में वर्ष 2020 तक पचास प्रतिशत कमी लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। लोगों में जागरूकता, यातायात संबंधी नियमों की जानकारी देने के साथ ही अनुपालन का भी प्रयास किया रहा है। इसके अलावा जिले में चिन्हित डेंजर जोन को खत्म किया जाएगा। संसाधनों को बढ़ाकर नियमों का अनुपालन कराया जाएगा। जनसहयोग मिला तो अभियान निश्चित ही सफल होगा। सवाल:-ड्राइ¨वग लाइसेंस बनवाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शोषण से बचने को क्या उपाय हैं?

जवाब:-आनलाइन व्यवस्था लागू कर विभाग ने प्रक्रिया को सरल बना दिया है। इससे जनमानस को बिचौलियों व शोषण से मुक्ति मिल गई है। फीस जमा करने, वाहनों के पंजीकरण, नामांतरण आदि का शुल्क कहीं से भी जमा किया जा सकता है। आवेदक अगर सड़क पर चलने के संकेतक पढ़ ले और वाहन संचालन की उसे जानकारी हो तो उसे फेल नहीं किया जाता। किसी प्रकार की समस्या हो तो कार्यालय अवधि में मिलकर अथवा मोबाइल से मुझसे संपर्क करें। सवाल:-अमान्य वाहनों से छात्रों को ढोया जा रहा है, इससे खतरा रहता है। इस पर कैसे रोक लगेगी?

जवाब:- विद्यालयों में अमान्य वाहनों के संचालन पर सरकार सख्त है। स्कूली वाहनों के संचालन हेतु अनुभवी चालक के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के गाइड लाइन के अनुसार मानकों को पूरा करना अनिवार्य है। नए गाइड लाइन के अनुसार सभी सीटों पर सीट बेल्ट होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो अभिभावक इसकी शिकायत करें, तुरंत कार्रवाई की जाएगी। सवाल:-मेरा वाहन 16 साल पुराना है। नवीनीकरण की क्या व्यवस्था है?

जवाब:- प्राइवेट वाहनों का 15 साल के लिए पंजीकरण किया जाता है। अवधि समाप्त होने के बाद पांच साल के लिए नवीनीकरण की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे वाहन स्वामी 31 मार्च तक अवश्य नवीनीकरण करा लें अन्यथा पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा। दोबारा पंजीकरण के लिए वाहन स्वामी को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। सवाल:-नगर में बड़ी संख्या में किशोर ई-रिक्शा चला रहे हैं, जिसके चलते आए दिन हादसा हो रहा है। अप्रशिक्षित चालकों के खिलाफ विभाग क्या कार्रवाई कर रहा?

जवाब:-ई रिक्शा चलाने के लिए भी लाइसेंस लेना अनिवार्य है। अप्रशिक्षित चालकों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है। इन लोगों ने पूछे सवाल:- अमित ¨सह डब्बू शारदापुरम कालोनी कालीकुत्ती, कैलाश अकबरपुर केराकत, अमर शाहगंज, शशांक गुप्ता, मोहित गुप्ता मछलीशहर, बृजेश विश्वकर्मा केराकत, चंदन गुप्ता पिलकिछा, नरेंद्र कुमार परमानतपुर आदि।


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