धान की पराली जलाना कानूनी अपराध
जागरण संवाददाता केराकत (जौनपुर) कृषि विज्ञान केंद्र अमिहित के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
जागरण संवाददाता, केराकत (जौनपुर): कृषि विज्ञान केंद्र अमिहित के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. संजीत कुमार ने सोमवार को क्षेत्र के विभिन्न गांवों में किसानों से संपर्क कर फसल अवशेष के उचित प्रबंधन की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि धान की पराली जलाना कानूनी एवं सामाजिक अपराध है। पराली जलाने से भूमि के पोषक तत्व व लाभकारी जीवाणु नष्ट होने के कारण भूमि की उर्वरता एवं उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए पराली एवं अन्य फसल अवशेषों का उपयोग कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट एवं मशरूम उत्पादन में करके किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डाक्टर दिनेश कुमार ने बोई जा रही रबी की फसलों सरसों, गेहूं, चना, मटर, मसूर आदि की फसलों में संतुलित उर्वरकों के उपयोग करने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान प्रदीप कुमार यादव, धीरज कुमार आदि कर्मचारी मौजूद थे।