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बैंकों के नहीं खुले ताले, 70 करोड़ का कारोबार प्रभावित

जागरण संवाददाता जौनपुर ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी बंदी का समर्थन जिले में बैंक कर्मियों

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 06:24 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 12:07 AM (IST)
बैंकों के नहीं खुले ताले, 70 करोड़ का कारोबार प्रभावित
बैंकों के नहीं खुले ताले, 70 करोड़ का कारोबार प्रभावित

जागरण संवाददाता, जौनपुर : ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी बंदी का समर्थन जिले में बैंक कर्मियों के संगठनों ने भी किया। गुरुवार को हड़ताल की घोषणा में आल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआइबीइए) के भी शामिल होने से बैंक समेत एलआइसी में ताले लटके रहे। कर्मचारियों ने श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि इस हड़ताल में एसबीआइ शामिल नहीं हुआ। हड़ताल से बेखबर बैंक पहुंचे उपभोक्ताओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। बैंकों में काम न होने की वजह से 70 करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित हुआ। हालांकि एलडीएम उदय नारायण ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों में हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा।

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एआइबीइए से संबद्ध यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन ने जोगियापुर स्थित पीएनबी बैंक में प्रदर्शन किया। साथ ही कर्मचारियों ने एलडीएम कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी की। यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन के जिलाध्यक्ष एसएन जायसवाल ने कहा कि सार्वजनिक संपत्तियों को निवेश के नाम पर उद्योग घरानों को बेचा जा रहा है, जो देशहित में उचित नहीं है। बैंक कर्मियों ने मांग किया कि सरकार निजीकरण की बजाय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करे और पुरानी पेंशन योजना लागू की जाय। इस दौरान आरपी सिंह, दुष्यंत सिंह, कृष्णा यादव, आशीष श्रीवास्तव व संजय यादव समेत अन्य शामिल रहे।

इसी तरह बड़ौदा यूपी बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी हड़ताल में शामिल हुए। अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि लाकडाउन का सहारा लेते हुए सरकार जो कानून लेकर आई है उसे वापस ले। वाराणसी डिविजन इन्श्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन पुरानी पेंशन बहाली, न्यूनतम मजदूरी 21 हजार रुपये करने व एलआइसी में आइपीओ लाने का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ ने अपने कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए सरकार के विरोध में नारेबाजी की। कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली, ग्रामीण डाक सेवकों को नियमित करने, रिक्त पदों के भरने, समान कार्य समान वेतन व निजीकरण समेत अन्य मांग की गई। जहां राम उजागिर यादव, हरिशंकर यादव, राजेश कुमार सिंह, संजय कुमार यादव समेत अन्य कर्मचारी शामिल हुए। प्रदर्शन में बीएसएनएल कर्मचारियों की भी सहभागिता रही। इसके इतर कम्युनिष्ट संगठन, पेंशनर, दवा प्रतिनिधि व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष राकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यदि सरकार ने मांगों को गंभीरता से नहीं ली तो आने वाले दिनों में वृहद आंदोलन होगा। बक्शा ब्लाक मुख्यालय पर हिदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन ने बीडीओ को 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। केराकत में एलआइसी कार्यालय में कर्मचारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। खुटहन में डाकघर पर डाक सेवकों ने एक दिन के हड़ताल से सेवाएं ठप रहीं। बदलापुर में सरकारी क्षेत्रों के निजीकरण, किसान विरोधी कानूनों, बिजली संशोधन कानून, बढ़ती बेरोजगारी, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, महिलाओं पर बढ़ते अपराध आदि के खिलाफ तमाम संगठनों ने विरोध दर्ज कराया।


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