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बांग्लादेशी जमातियों की वतन वापसी की प्रक्रिया हुई तेजी

कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान गिरफ्तार किए गए 14 बांग्लादेशी जमातियों की वतन वापसी की प्रक्रिया और तेज हो गई है। दिल्ली स्थित बांग्लादेशी दूतावास से आए राजनयिक ने जमातियों से मिलकर उनका विवरण जुटाया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 08:00 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 06:03 AM (IST)
बांग्लादेशी जमातियों की वतन वापसी की प्रक्रिया हुई तेजी
बांग्लादेशी जमातियों की वतन वापसी की प्रक्रिया हुई तेजी

जागरण संवाददाता, जौनपुर: कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान गिरफ्तार किए गए 14 बांग्लादेशी जमातियों की वतन वापसी की प्रक्रिया और तेज हो गई है। दिल्ली स्थित बांग्लादेशी दूतावास से आए राजनयिक ने जमातियों से मिलकर उनका विवरण जुटाया। जल्द ही प्रक्रिया पूर्ण कर स्वदेश भेजने का भरोसा दिलाया। फिलहाल मासांत के पूर्व वापसी मुमकिन नजर नहीं आ रही है।

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उधर, बलुआघाट में एक व्यक्ति के घर पनाह लिए जमातियों के लिए निकास अनुमति पत्र बनवाने कराने में जुटा एलआइयू उनकी पल-पल की गतिविधियों पर भी पैनी नजर रख रहा है।

बांग्लादेशी दूतावास से आए राजनयिक जहांगीर जेल पहुंचे तो पता चला कि जमातियों की रिहाई हो चुकी है। तब जहांगीर ने इंटेलीजेंस ब्यूरो व एलआइयू के जिम्मेदारों से संपर्क साधा। फिर पता चलने पर बलुआघाट निवासी शोएब के घर पहुंचे। रिहाई के बाद जमाती उन्हीं के यहां पनाह लिए हुए हैं। करीब 15 मिनट शोएब के घर पर रुककर राजनयिक ने जमातियों का हाल-चाल जानने के साथ ही पूरा विवरण जुटाया। भरोसा दिलाया कि दूतावास तेजी के प्रक्रिया पूरी कर उन्हें स्वदेश वापस भेजेगा।

लॉकडाउन के दौरान 31 मार्च को इन जमातियों को सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के लाल दरवाजा स्थित मुनीर अहमद के घर से गिरफ्तार किया गया था। इनके साथ प. बंगाल व झारखंड निवासी इनके दो गाइड भी पकड़े गए थे। परीक्षण में एक गाइड व एक जमाती को कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया था। इलाज के बाद दोनों स्वस्थ हो गए। बांग्लादेशी जमातियों को सीजेएम ने गत दस जुलाई को पासपोर्ट एक्ट, फॉरेनर्स एक्ट व लॉकडाउन की धाराओं में जुर्म स्वीकारने पर जेल में बिताई गई करीब तीन महीने की अवधि को सजा में समायोजित कर पांच-पांच सौ रुपये जुर्माना अदा करने रिहा करने का आदेश दिया। 11 जुलाई को जिला जेल के प्रभारी अधीक्षक राज कुमार ने जमातियों को आवश्यक लिखा-पढ़ी के बाद स्वदेश प्रत्यर्पण के लिए एलआइयू को सौंप दिया। जमातियों का पर्यटन वीजा कालातीत हो चुका है। जेल से रिहाई के बाद सबसे बड़ी समस्या यही थी कि एलआइयू इन्हें रखे कहां। शोएब के पूरी जिम्मेदारी लेने की पेशकश पर एलआइयू जमातियों को उन्हें सिपुर्द कर दिया। एलआइयू इनका निकास अनुमति पत्र जारी कराने के लिए आवश्यक कागजात तैयार कर गत 12 जुलाई को एसपी अशोक कुमार के पास भेज चुका है। निकास अनुमति पत्र बनने के बाद पुलिस इन्हें कस्टडी में प. बंगाल में हरिदासपुर बार्डर पर ले जाकर लिखापढ़ी के बाद बांग्लादेशी अधिकारियों को सिपुर्द कर देगी।


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