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फूलों की होली व मोहन राठौर की प्रस्तुति ने बिखेरा जलवा

दो दिवसीय बदलापुर महोत्सव के समापन की रात बुधवार को फूलों की होली व सुर संग्राम विजेता मोहन राठौर के नाम रही। हजारों की भीड़ ने विभिन्न प्रांतों की कला व संस्कृतियों का जमकर लुत्फ उठाया। मथुरा से आए कलाकारों ने फूलों की होली खेलकर खूब वाह वाह लूटी तो सुर संग्राम विजेता मोहन राठौर ने भी अपना जलवा बिखेरा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 06:36 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 06:36 PM (IST)
फूलों की होली व मोहन राठौर की प्रस्तुति ने बिखेरा जलवा
फूलों की होली व मोहन राठौर की प्रस्तुति ने बिखेरा जलवा

जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर): दोदिवसीय बदलापुर महोत्सव के समापन की रात बुधवार को फूलों की होली व सुर संग्राम विजेता मोहन राठौर के नाम रही। हजारों की भीड़ ने विभिन्न प्रांतों की कला व संस्कृतियों का जमकर लुत्फ उठाया। मथुरा से आए कलाकारों ने फूलों की होली खेलकर खूब वाहवाही लूटी तो सुर संग्राम विजेता मोहन राठौर ने भी अपना जलवा बिखेरा।

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सुर संग्राम विजेता मोहन राठौर ने 'जब बड़ा नीक लागेला बलमजी के बोलिया व हम जीएंगे और मरेंगे ऐ वतन की प्रस्तुति की तो लोग मंत्रमुग्ध हो गए। वहीं प्रियंका सिंह ने 'ये गलियां चौबारा'तथा इन्हीं लोगों ने ले लीना दुपट्टा मेरा आदि गीतों को गाकर खूब समां बांधी। तोहार दुल्हा सांवर-सांवर सूरतिया.. गीत पर वागीशा ने नचाया भीड़ को

बदलापुर महोत्सव में एक से बढ़कर एक कलाकारों ने सुर-लय-ताल के अनूठे संगम से ओत-प्रोत कर दिया। जिसे क्षेत्रवासी कभी भूल नहीं पाएंगे। नौ वर्षीया नैनीताल की वागीशा पंत ने जब मंच पर 'तोहार दुल्हा सांवर-सांवर सूरतिया तोहार दुल्हा'गीत पर ठुमका लगाया तो हजारों की भीड़ नाचने लगी। इसके बाद 'देश है मेरा देश, गीत पर नृत्य करके खूब वाहवाही लूटी। उसकी उम्र व बेहतरीन प्रदर्शन देखकर लोग दांतों तले अंगुली दबा लिया। रजा मुराद का डायलाग सुनने को उमड़ा सैलाब

अपनी बुलंद आवाज की बदौलत फिल्मी दुनिया में शोहरत हासिल करने वाले मशहूर फिल्म अभिनेता रजा मुराद बुधवार की रात बदलापुर महोत्सव में पहुंचे तो उनका डायलॉग सुनने के लिए युवाओं का हुजूम उमड़ पड़ा। युवाओं में उनके संग सेल्फी लेने के लिए धक्का-मुक्की होती रही। मंच पर पहुंचते ही रजा मुराद ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि परदे पर जो हरकत करता हूं वहां गालियां ही मिलती हैं, लेकिन यहां जिस तरह तालियां बजाकर स्वागत हुआ उससे अभिभूत हूं। इसके बाद फिल्म हमसे न टकराना का डायलॉग अपनी या खानदान की जिदगी चाहते हो तो इस कागज पर दस्तखत कर दो। तब अभिनेता धर्मेंद्र ने कहा कुत्ते, तब मैंने माना कि हां तुम शेर हो और मैं कुत्ता तो भीड़ ने जमकर तालियां बजाई।


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