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वार्षिक गोपनीय आख्या के खिलाफ आंदोलन का ऐलान

बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा ब्लाक व जनपद के अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय आख्या भेजने के फरमान से शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। आदेश के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ सात फरवरी से आंदोलन करेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 04:39 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 04:39 PM (IST)
वार्षिक गोपनीय आख्या के खिलाफ आंदोलन का ऐलान
वार्षिक गोपनीय आख्या के खिलाफ आंदोलन का ऐलान

जागरण संवाददाता, जौनपुर: बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा ब्लाक व जनपद के अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय आख्या भेजने के फरमान से शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। आदेश के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ सात फरवरी से आंदोलन करेगा। संघ के प्रांतीय संगठन मंत्री व जिलाध्यक्ष अमित सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी के माध्यम से बेसिक शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा।

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बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा गत आठ जनवरी को निर्देश दिया गया है कि परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का मूल्यांकन कर वार्षिक गोपनीय आख्या ब्लाक व जनपद के अधिकारियों द्वारा विभाग को प्रेषित की जाएगी और इस गोपनीय आख्या के आधार पर ही शिक्षकों की वेतन वृद्धि व पदोन्नति होगी। जिलाध्यक्ष ने कहा कि आदेश पूर्ण रूप से अव्यवहारिक एवं शिक्षकों का शोषण करने वाला है।

विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार विद्यालय में कायाकल्प के तहत होने वाले कार्यों के लिए भी अंक तय कर उनका उल्लेख शिक्षकों की गोपनीय आख्या में करने की व्यवस्था की गई है जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध व अनुचित है, क्योंकि कायाकल्प के कार्य स्थानीय प्रधानों व पंचायती राज विभाग के द्वारा करवाए जाते हैं।

उन्होंने बताया कि आदेश को वापस लेने के लिए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सुशील पांडेय ने बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी को पत्र लिखकर मांग की, लेकिन विभाग द्वारा अभी तक इस आदेश को वापस नहीं लिया गया। सरकार की शिथिलता को देखते हुए प्रांतीय नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय के क्रम में सात फरवरी को जनपद के समस्त ब्लाक इकाई के अध्यक्ष व मंत्री के साथ जनपदीय कार्यसमिति के सदस्यों द्वारा सामूहिक रूप से एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से बेसिक शिक्षा मंत्री को संबोधित पत्र लिखकर मांग करेंगे कि सरकार तत्काल शिक्षक विरोधी काले कानून को वापस ले।


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