थाना समाधान दिवस में नहीं पहुंचे लेखपाल, प्रशासन सख्त
जौनपुर कई दिनों से जारी लेखपालों के हड़ताल की वजह से शनिवार को आयोजित समाधान दिवस में फरियादियों को एक बार फिर निराश होकर लौटना पड़ा। हड़ताल की वजह से आयोजन फीका रहा। पुलिसवालों को भी राजस्वकर्मियों के नहीं होने का बहाना मिल गया। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने लेखपालों को बुला एस्मा लगे होने की बात कह हड़ताल वापस लेने को कहा। हालांकि लेखपालों ने प्रदेश नेतृत्व द्वारा लिए जाने वाले फैसले को ही माने जाने की बात कही।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: कई दिनों से जारी हड़ताल की वजह से शनिवार को आयोजित थाना समाधान दिवस में लेखपाल नहीं पहुंचे। इससे फरियादियों को एक बार फिर निराश होकर लौटना पड़ा। लेखपालों के न होने से आयोजन फीका रहा। पुलिस कर्मियों को भी राजस्व कर्मियों के न होने का बहाना मिल गया। ऐसे में जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने लेखपालों को बुलाकर एस्मा लगे होने की बात कह हड़ताल वापस लेने को कहा। हालांकि लेखपालों ने प्रदेश नेतृत्व द्वारा लिए जाने वाले फैसले को ही माने जाने की बात कही।
शासन की ओर से लेखपालों के हड़ताल को निषिद्ध कर दिया गया है। साथ ही काम नहीं करने वाले लेखपालों पर कार्रवाई की बात कही गई है। साथ ही लेखपालों द्वारा किसी भी धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। बावजूद इसके अपनी मांगों को लेकर विरोध जता रहे लेखपाल कार्य नहीं कर रहे हैं। लेखपालों का कहना है कि मांगे मानने के बाद ही वह कार्य पर लौटेंगे। ऐसे में हड़ताल से जरूरतमंदों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। केराकत में एसडीएम चंद्र प्रकाश पाठक की अध्यक्षता में आयोजित समाधान दिवस में पांच में से तीन मामले निस्तारित हो सके। मछलीशहर में एसडीएम अमिताभ यादव की अध्यक्षता में आयोजित समाधान दिवस में तीन मामलों का निस्तारण किया गया। मड़ियाहूं में तहसीलदार सुदर्शन राम की अध्यक्षता में आए आठ मामलों में चार का निस्तारण हो सका। सिगरामऊ थाने में एसडीएम बदलापुर अंजनी कुमार सिंह ने समस्याएं सुनी। लेखपाल के नहीं होने एक भी मामले का निस्तारण नहीं हो सका। लेखपाल संघ के सदर अध्यक्ष विरेंद्र सिंह ने कहा कि लेखपालों की हड़ताल महज जिले में नहीं हो रही, बल्कि प्रदेश भर में हो रही है। ऐसे में हड़ताल करने या नहीं करने का फैसला प्रदेश संघ की बैठक के बाद ही लिया जाएगा।
चकमार्ग पर बना लिया दो मंजिला इमारत
रामपुर: प्रशासन की ओर से अवैध निर्माण हटाने को लेकर दावे भले किए जा रहे हों, लेकिन ये हकीकत इससे परे हैं। इतना ही नहीं भूमि विवाद को लेकर समाधान दिवसों में भी कार्रवाई नहीं हो रही है। समाधान दिवस के दौरान रामपुर थाने में 16 नवंबर को चकमार्ग पर दो मंजिला पक्का मकान बनाने की शिकायत की गई, लेकिन आजतक न तो इस संदर्भ में मुकदमा दर्ज किया गया और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई हुई। चकमार्ग को आबादी खाते में दर्ज करा दिया गया था, जिसे बाद में चकमार्ग खाते में कराया गया।