बीज अनुदान का 85 लाख बकाया, चक्कर काट रहे अन्नदाता
जौनपुर रबी की खेती के लिए खरीदे गए बीज का 85 लाख रुपये अनुदान किसानों के खाते में अभी तक नहीं भेजा गया है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: रबी की खेती के लिए खरीदे गए बीज का 85 लाख रुपये अनुदान किसानों के खाते में अभी तक नहीं भेजा गया है। कर्ज लेकर बीज खरीद करके खेती करने वाले लगभग आठ हजार किसान सब्सिडी के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। ऐसे में इस व्यवस्था से अन्नदाताओं की आमदनी दो गुनी करने के दावों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
प्रोत्साहन के लिए निर्धारित अनुदान में केंद्र सरकार 60 फीसद व राज्य सरकार 40 फीसद अंशदान करती है। अनुदान में गड़बड़ी से बचाने के लिए सरकार द्वारा अनुदान की राशि किसानों को खाते में भेजने की व्यवस्था की गई है। लाभ पाने के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक है। यह पारदर्शिता छोटे व गरीब किसानों को भारी पड़ रही है। कर्ज लेकर वह बीज खरीद तो ले रहे हैं, लेकिन समय से अनुदान की धनराशि नहीं भेजी जा रही है। इस साल रबी के सीजन में 85 लाख अनुदान किसानों के खाते में भेजना है, लेकिन बजट न आने के कारण अभी तक धनराशि खाते में नहीं भेजी गई है। किसान सब्सिडी पाने के लिए कार्यालय का चक्कर काटने को मजबूर हैं। मड़ियाहूं क्षेत्र के मोकलपुर गांव निवासी किसान मनोज शुक्ला ने कहा कि रबी के सीजन में गेहूं का बीज लिया था। दो माह बीत गए, लेकिन अभी तक अनुदान की धनराशि खाते में नहीं भेजी गई। भुगतान के लिए कृषि विभाग को पत्र दिया हूं। वहीं रामपुर निवासी अभिषेक कुमार ने कहा कि किसी तरह जुगाड़ करके बीज खरीदा गया, लेकिन अभी तक अनुदान की धनराशि नहीं मिली। भुगतान हो जाता तो काफी राहत मिल जाता। यहीं पीड़ा अधिकांश किसानों की है।
बोले अधिकारी
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पूर्व में प्राप्त हुए बजट में कुछ धनराशि बची थी, जिसे किसानों के खाते में भेजा गया। लगभग 85 लाख रुपये की मांग की गई है। धन अवमुक्त होने की प्रक्रिया चल रही है। धनराशि अवमुक्त होते ही सभी किसानों के खाते में पैसा भेज दिया जाएगा।
जय प्रकाश, उप निदेशक कृषि।