60 फीसद तक पूरा हुआ तालाब खोदाई का कार्य, जल संरक्षण को लेकर उत्साह बरकरार
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जागरण संवाददाता, जौनपुर : दैनिक जागरण व जिला प्रशासन की तरफ से चल रहा संयुक्त अभियान रंग लाने लगा है। जल संरक्षण की दिशा में चल रहा तालाब खोदाई का कार्य 60 फीसद तक पहुंच गया है। लंबे समय से चल रहे इस अभियान में लोगों का उत्साह भी बरकरार है। जल संचयन की दिशा में 21 ब्लाकों के 387 गांवों में तालाबों की खोदाई जारी है। जानकारों की मानें तो अधिकतर में 60 फीसद तो कुछ में 40 फीसद का कार्य पूरा हो चुका है। इससे मनरेगा जाबकार्ड धारकों को जहां रोजगार मिल रहा है तो आमजन बढ़-चढ़कर श्रमदान भी कर रहे हैं। गुरुवार को करीब पांच हजार से अधिक श्रमिकों ने तालाब की खोदाई की।
जिला प्रशासन की तरफ से जल है तो कल है व दैनिक जागरण द्वारा बूंद-बूंद अनमोल अभियान संयुक्त रूप से चलाया गया है। शुरुआत में 15 फरवरी को 227 तालाबों की खोदाई प्रारंभ हुई, यह दूसरे चरण में 20 फरवरी से 75 तालाबों की खोदा की जा रही है। इसमें मनरेगा मजदूरों को रोजगार दिया गया है। वहीं तीसरे चरण में 25 फरवरी को 84 तालाबों को लिया गया। इसके तहत जेसीबी संचालकों द्वारा जेसीबी से निश्शुल्क सेवा ली गई। बदलापुर विकास खंड के गांवों में तालाबों की खोदाई का कार्य करीब 60 फीसद पूरा हो गया है। ग्रामीण भी श्रमदान करके अभियान में भाग लेने से नहीं चूक रहे हैं। क्षेत्र के शाहपुर में तालाब खोदाई कार्य का निरीक्षण करने गुरुवार को ग्राम पंचायत अधिकारी अरुण सिंह व प्रधान शीतला प्रसाद यादव पहुंचे। क्षेत्र के शाहपुर, बघाड़ी कला, दुधौड़ा, इनामीपुर, खानपुर व जमऊ पट्टी, देवापुर आदि गांवों में खोदाई का कार्य चल रहा है।
बरसठी ब्लाक में कुल 14 तालाबों की खोदाई चल रही है। बरसठी ब्लाक के सहादतपुर गांव के कजरहिया तालाब की खोदाई का काम जोरों पर चल रहा है। गांव के रोजगार सेवक सुशील पांडेय ने बताया कि तालाब की खोदाई से मनरेगा मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। 2.81 लाख की लागत से तालाब की खोदाई शुरू है।
बक्शा ब्लाक के कुल 15 गांवों में तालाब की खोदाई जारी है। डार्क जोन बक्शा में गुरुवार को बबुरा गांव में खोदाई कार्य मनरेगा मजदूरों द्वारा जारी है। बारिश का पानी एक-एक बूंद बचाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके पूर्व तालाब को गोद लिए पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील कुमार उपाध्याय ने बूंद-बूंद जल संचय एवं तालाब खोदाई हेतु उद्घाटन कार्य होने के बाद से ही कार्य ने गति पकड़ लिया। सुबह तालाब निरीक्षण करने पहुंचे ग्राम प्रधान रामजस यादव, अशोक यादव, रोजगार सेवक रविद्र यादव, धर्मराज तिवारी ने पहुंचकर मनरेगा मजदूरों की हौसला अफजाई भी की। प्रधान ने बताया कि तालाब खोदाई का कार्य करीब 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
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सनातन संस्कृति में तालाब की महत्ता का अंत नहीं
सनातन संस्कृति में तालाब की महत्ता का अंत नहीं है। हमारे वेद, शास्त्र, पुराण, उपनिषद में इसके अनेकानेक प्रमाण मिलते हैं। महाराज परीक्षित को श्राप लगने पर सप्त ऋषि तालाब के किनारे ही आकर उनके मोक्ष का मार्ग प्रशस्त किया था। पद्मपुराण में भी आत्म देव को फल की प्राप्ति हुई थी वह तालाब के किनारे स्थित वृक्ष से ही हुई थी। विवाह के समय सप्तपदी में भी तालाब-कुंआ बनवाने की प्रेरणा मिलती है। सनातन संस्कृति में तालाब निर्माण को अत्यंत पुनीत कार्य माना गया है। जलचर, थलचर और नभचर जीवों को जीवन दान मिलता है।
-पं.विनोद कुमार शुक्ल, सुल्तानपुर, सुजानगंज।
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मत्था..जल संरक्षण से पारिस्थितिकी तंत्र रहता है संतुलित
तालाब खोदाई करके जल संरक्षण से पारिस्थितिकी तंत्र संतुलित रहता है। स्थानीय स्तर पर जल स्तर सही रहता है, पानी का लेवल नीचे नहीं भागता है। जीव-जंतु के सामने पानी की समस्या नहीं होती है। तालाब के आस-पास वाले क्षेत्रों में जलस्तर बहुत अच्छा रहता है।
-हरिशंकर, जिला उद्यान अधिकारी।