कृषि यंत्रों पर 50 फीसद अनुदान, फिर भी रुझान नहीं
जागरण संवाददाता जौनपुर किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खेती लागत में कमी और उत्पाद क
जागरण संवाददाता, जौनपुर: किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खेती लागत में कमी और उत्पाद का अधिक मूल्य दिलाना सरकार की प्राथमिकता है। इस मंशा से कई महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित हैं, हालांकि जागरूकता में कमी के कारण अन्नदाताओं को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसका प्रमाण है अनुदान पर कृषि यंत्र का वितरण। जनपद में 803 छोटे-बड़े यंत्रों का लक्ष्य है। इसके सापेक्ष महज 284 यंत्रों का ही टोकन कटा है। इतना ही नहीं कटे टोकन में महज 97 किसानों ने चालान का पैसा जमा किया है।
पराली प्रबंधन, खाद्य सुरक्षा मिशन सहित कई योजनाओं में किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए 40 से 50 फीसद अनुदान की व्यवस्था है। योजनाओं में पारदर्शिता के लिए आनलाइन पंजीकरण व टोकन की व्यवस्था लागू की गई है। प्रदेश मुख्यालय से लेकर जनपद स्तर तक प्रचार-प्रसार के बावजूद किसानों की यंत्रों की खरीद में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। पराली प्रबंधन की समस्या से जूझ रहे किसानों के लिए जिले में 114 सुपर सीडर का लक्ष्य है। इसमें 2.60 लाख रुपये लागत पर 1.05 लाख रुपये अनुदान की व्यवस्था है। इस यंत्र से किसान जहां सीधी बोआई कर सकता है वहीं पराली का उर्वरक के रूप में किया जा सकता है। निर्धारित अवधि में सिर्फ 43 किसानों ने चालान की धनराशि जमा की। इनमें 25 किसानों ने ही खरीद की है। इसी प्रकार हैपी सीडर, थ्रेसर, पंपसेट, चारा काटने वाली मशीन, स्प्रे मशीन, कस्टम हायरिग सेंटर आदि में अन्नदाता रुचि नहीं ले रहे हैं। अनुदान पर उपकरणों की खरीद पर अनुदान का लाभ पाने के लिए किसान निर्धारित अवधि में चालान की धनराशि जमा करें। चालान की धनराशि यूनियन बैंक की किसी भी शाखा में जमा हो सकती है। यंत्रों की खरीद कर बिल जमा करने पर बजट आते ही अनुदान की धनराशि खाते में भेज दी जाएगी।
-जय प्रकाश, उप निदेशक कृषि।