रजवाहा टूटने से 50 एकड़ धान की फसल जलमग्न
जागरण संवाददाता मड़ियाहूं (जौनपुर) मड़ियाहूं विकासखंड के कादीपुर महादेवा गांव से गुजर रही पांडेपुर रजवाहा टूटने से 50 एकड़ धान की फसल व सब्जियां जलमग्न हो गई। घटना शनिवार रात तकरीबन दस बजे की है। रविवार सुबह घटों बाद भी नहर विभाग का कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। आक्रोशित किसानों ने घंटो मशक्कत के बाद दोपहर तकरीबन दो बजे तीन मीटर चौड़े गड्ढे को किसी तरह
जागरण संवाददाता, मड़ियाहूं (जौनपुर): मड़ियाहूं विकास खंड क्षेत्र के कादीपुर महादेवा गांव से गुजर रही पांडेयपुर रजवाहा के टूटने से 50 एकड़ धान व सब्जियों की फसलें जलमग्न हो गईं। घटना शनिवार रात लगभग दस बजे की है। रविवार की सुबह घंटों बाद भी नहर विभाग का कोई अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। आक्रोशित किसानों ने घंटों मशक्कत के बाद दोपहर तकरीबन दो बजे तीन मीटर चौड़े गड्ढे को किसी तरह भरा। धान व अन्य फसलों के साथ सब्जियों के भी नष्ट होने से अन्नदाताओं के चेहरे पर मायूसी है।
रजवाहा टूटने से पानी का बहाव तेजी से होने लगा। सुबह जानकारी होने के बाद किसान मौके पर पहुंचे। इसे बांधने का भी प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। धीरे-धीरे तीन मीटर से अधिक चौड़ाई में रजवाहा के टूट जाने से पानी सीधे खेतों में जाने लगा। सुबह तक आसपास की 50 एकड़ धान की फसलें जलमग्न हो गईं। महादेवा गांव के किसान ओम प्रकाश पटेल, राय साहब, अवधेश पटेल समेत अन्य ने कहा कि घटना की जानकारी देने के बाद भी विभाग का कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। किसान लालचंद्र यादव, धीरज यादव, शेर बहादुर यादव ने बताया कि पांच दिन पूर्व ही धान की रोपाई की है। पौधे छोटे होने की वजह से इनके नष्ट होने की आशंका काफी बढ़ गई है। सभी ने विभागीय कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। कहा कि एक ओर किसानों को उन्नत बनाने की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी ओर ऐसे संकट के समय कोई अधिकारी किसानों की सुधि लेने मौके तक पर नहीं पहुंच रहा है। सब्जी की खेती करने वाले किसानों में भी काफी आक्रोश है। खेतों में पानी भरने से नेनुआ, बैगन, भिडी, करेला,परवल आदि की फसलें पूरी तरह से डूब गई हैं।