वृक्ष भंडारा कार्यक्रम में महज 25 की भागीदारी
सूबे की सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्ष भंडारा कार्यक्रम लागू किया है। इसके तहत सामाजिक सरोकार से जुड़ा कोई भी व्यक्ति पौधे खरीद कर वन विभाग को दान दे सकता है। दान में मिले इन पौधों को वन विभाग जरूरतमंदों व खाली स्थानों पर रोपण करता है। प्रदेश के बड़े जनपदों में एक जौनपुर में महज 25 लोगों ने इस महत्वाकांक्षी योजनाओं में अपनी सहभागिता किया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : सूबे की सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्ष भंडारा कार्यक्रम लागू किया है। इसके तहत सामाजिक सरोकार से जुड़ा कोई भी व्यक्ति पौधे खरीद कर वन विभाग को दान दे सकता है। दान में मिले इन पौधों को वन विभाग जरूरतमंदों व खाली स्थानों पर रोपण करता है। प्रदेश के बड़े जनपदों में एक जौनपुर में महज 25 लोगों ने इस महत्वाकांक्षी योजनाओं में अपनी सहभागिता किया।
वन विभाग द्वारा 'एक व्यक्ति, एक वृक्ष'योजना शुरू है। इस योजना में अधिक लोगों को एक-एक पौधा लगाकर उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यानि केवल पौधरोपण करने पर ही जिम्मेदारी खत्म नहीं होगी। पौधे के पूरी देखभाल की जिम्मेदारी उसे गोद लेने वाले की होगी। काफी लोग ऐसे होते हैं जो पौधरोपण अभियान में हिस्सा लेना चाहते हैं, लेकिन उनके पास इसके लिए समय नहीं होता है। ऐसे लोगों को वृक्ष भंडार और पौधे दान करने के लिए प्रेरित किया जाता है। ऐसा व्यक्ति या परिवार जो वृक्ष भंडार के लिए भी समय नहीं निकाल पाते हैं वे वृक्ष दान करेंगे। जितने पौधे कोई जनता के सहयोग से लगवाना चाहता है, वन विभाग की वेबसाइट पर जाकर उनका ऑनलाइन भुगतान शासन को कर सकता है। वन विभाग उन रुपयों के पौधे खरीदकर विद्यार्थियों, एनसीसी कैडेट के सहयोग से पौधरोपण कराएगा। चाहे वन विभाग को पौधा खरीदकर दान दे सकते है।
अभी तक मात्र वृक्ष भंडारा कार्यक्रम में करीब 25 लोगों ने 30 हजार 300 पौधे दान दिए गए है। इनके नाम का रजिस्ट्रेशन कर लिया गया है। जो व्यक्ति सबसे ज्यादा पौधे दान करेंगे उनको मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। पर्यावरण को संतुलित करने का प्रयास
वन विभाग के डीएफओ एपी पाठक ने कहा कि हर व्यक्ति कार, बाइक चलाने, एसी, फ्रिज आदि का प्रयोग करने और अन्य कारणों से पर्यावरण प्रदूषण करता है। कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड, नाइट्रोजन आदि का प्रतिदिन उत्सर्जन होता है। एक व्यक्ति अपने 60 साल तक के जीवन में जितना पर्यावरण प्रदूषित करता है उसे एक पेड़ 30 साल की आयु तक खत्म कर देता है। अभी तक 25 लोगों ने वृक्ष भंडारा कार्यक्रम के तहत 30 हजार 300 पौधे दान किए है। इसमें कोई 500 तो कोई एक हजार से अधिक पौधे दान किए है। इसमें कोई लक्ष्य प्राप्त नहीं है।