निर्माण एजेंसी पर 30 करोड़ की पेनाल्टी
राजकीय मेडिकल कालेज का सपना अभी साकार होता नहीं दिख रहा है। प्रोजेक्ट में देरी की वजह से दूसरी बार निर्माण एजेंसी का बुधवार को अनुबंध रद कर दिया गया। राजकीय निर्माण निगम द्वारा इस कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को सौंपी गई थी।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : राजकीय मेडिकल कालेज का सपना अभी साकार होता नहीं दिख रहा है। प्रोजेक्ट में देरी की वजह से दूसरी बार निर्माण एजेंसी का बुधवार को अनुबंध रद कर दिया गया। राजकीय निर्माण निगम द्वारा इस कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को सौंपी गई थी। खराब प्रगति पर निर्माण निगम ने टाटा प्रोजेक्ट पर 30 करोड़ की पेनाल्टी लगाते हुए बांड रद कर दिया। जल्द टेंडर प्रक्रिया पूरी कर दूसरी फर्म से निर्माण कराया जाएगा।
तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 25 दिसंबर 2014 को सौ एकड़ में सिद्दीकपुर में राजकीय मेडिकल कालेज का शिलान्यास किया था। 2015 में स्वीकृत लागत पांच अरब 54 करोड़ 16 लाख से निर्माण शुरू हुआ। इसके लिए शासन अब तक 259 करोड़ 84 लाख अवमुक्त कर चुका है। वहीं, काम महज 41 फीसद ही हुआ है। शुरुआत में काम की गति धीमी रही। कुछ दिन कार्य भी रुका रहा। वजह पहले कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम रही, इसके द्वारा वर्ष 2015 में पहले टाटा कंपनी को सौंपा गया। इसके बाद वर्ष 2015 में ही टाटा कंपनी ने कार्य को बालाजी को सौंप दिया। ऐसे में तमाम उतार-चढ़ाव के बीच 24 माह में ओपीडी शुरू करने का वादा करने वाले जिम्मेदार छह साल बाद भी इसको शुरू नहीं करा सके। गत वर्ष मेडिकल कालेज का निरीक्षण करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे लेकर चेतावनी भी दी थी। कार्य की धीमी प्रगति को लेकर वर्ष 2020 में टाटा ने पुन: कार्य अपने अधीन में ले लिया, लेकिन अब तक कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। पुनरीक्षित आगणन बढ़ा
पुनरीक्षित आगणन में इसकी लागत में 43 करोड़ 53 लाख 90 हजार रुपये का इजाफा हुआ है। वर्तमान में पुनरीक्षित आगणन पांच अरब 97 करोड़ 70 लाख रुपये हो गई है। ऐसे में इसके जल्द स्वीकृत होने का इंतजार है। वर्तमान में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण द्वारा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा अनुभाग तीन को पत्र भेजा गया है। वर्जन--
टाटा प्रोजेक्ट्स की खराब प्रगति पर बांड खत्म करते हुए 30 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई गई है। वर्ष 2014 में 554 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत है, पुनरीक्षित आगणन बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। वहीं, नया टेंडर कराने की प्रक्रिया चल रही है।
-पीएन सिंह, अधिशासी अभियंता, राजकीय निर्माण निगम।