क्वारंटाइन में भेजे गए मुंबई से आए 22 लोग
लाकडाउन के दौरान महानगरों से चोरी-छिपे आने वालों को लेकर प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। क्षेत्र के फत्तूपुर गांव निवासी मुंबई से ट्रक से आने वाले 22 लोगों को जांच के बाद क्वारंटाइन में रखा गया। शनिवार को इन परदेशियों समेत 30 लोगों का नमूना भी लिया गया।
जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर): लॉकडाउन के दौरान महानगरों से चोरी-छिपे आने वालों को लेकर प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। क्षेत्र के फत्तूपुर गांव निवासी मुंबई से ट्रक से आने वाले 22 लोगों की जांच के बाद क्वारंटाइन में रखा गया। शनिवार को इन परदेशियों समेत 30 लोगों का नमूना स्वास्थ्य कर्मियों ने लिया।
फत्तूपुर गांव के मुस्लिम समाज के 22 लोग मुंबई से कमाकर ट्रक द्वारा 22 अप्रैल को घर आये। जिसे लेकर गांव में हड़कंप मच गया था। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग गांव पहुंचकर लोगों की जानकारी लेकर सूचना उच्चाधिकारियों को दी। शुक्रवार को सभी को गांव के प्राथमिक विद्यालय क्वारंटाइन कर दिया गया। जिनका शनिवार का स्वास्थ्य टीम ने नमूना लेकर जांच हेतु भेजा। अधीक्षक डा. संजय दुबे ने बताया कि सल्तनत बहादुर पीजी कालेज में एक माह से क्वारंटाइन किए गए झारखंड व बिहार के 32 लोगों में से आठ का भी टीम ने नमूना लिया है। चोरी-छिपे परदेशियों के गांव
पहुंचने पर खलबली
जलालपुर : वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को देखते पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में जब अपने गांव में परदेशी पहुंच जा रहे हैं तो इस बात को लेकर डर हो जा रहा कि हो सकता यह कोरोना वायरस संक्रमित न हो। पूरे गांव को खतरा पैदा हो सकता है। ओईना गांव में वाराणसी से चार लोगों के आने से खलबली मच गई। ग्रामीणों ने उनके आने की सूचना अधिकारियों को दी, फिर उन्हें जांच के लिए सिरकोनी स्थित अस्पताल पर भेजा गया। ओईना के नजदीकी बेला गांव में भी दो लोग आए तो उन्हें गांव के ही प्राथमिक विद्यालय पर रखा गया है। इसी तरह अन्य एक युवक को बीमारी हालत में उपचार के लिए एंबुलेंस ले गई है। इसी तरह मकरा गांव में शुक्रवार को इंदौर से दो परदेशी आए। प्रधान की सूचना पर उन्हें भी जांच के लिए भेजा गया है। परदेशी माल गाड़ियों, ट्रकों, पासधारी वाहनों आदि से यहां पहुंचे हैं।