मालगाड़ी के 22 डिब्बे बेपटरी, उड़े परखचे
उत्तर रेलवे के वाराणसी-सुल्तानपुर रेलखंड के श्रीकृष्णानगर स्टेशन के पूर्वी सिग्नल उदपुर घाटमपुर गांव के पास गुरुवार की सुबह 7.54 बजे मुरादाबाद से कोयला उतारकर पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन जा रही मालगाड़ी के 22 डिब्बे पलटने के साथ ही उनके परखचे उड़ गए। हादसे की वजह पटरी का टूटना बताया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : उत्तर रेलवे के वाराणसी-सुल्तानपुर रेलखंड के श्रीकृष्णानगर स्टेशन के पूर्वी सिग्नल उदपुर घाटमपुर गांव के पास गुरुवार की सुबह 7.54 बजे मुरादाबाद से कोयला उतारकर पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन जा रही मालगाड़ी के 22 डिब्बे पलटने के साथ ही उनके परखचे उड़ गए। हादसे की वजह पटरी का टूटना बताया जा रहा है। हालांकि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। ट्रैक पर डिब्बों के क्षतिग्रस्त होने से जौनपुर-सुल्तानपुर रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया है। प्रमुख ट्रेनों को प्रतापगढ़ व अयोध्या के रास्ते गंतव्य को रवाना किया गया। शाम को उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल, डीआरएम एसके सपरा के साथ पहुंचकर घटना की जानकारी ली। साथ ही उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए।
मुरादाबाद से पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन जा रही एमटी बाक्स खाली मालगाड़ी 58 डिब्बे लेकर जैसे ही रेलवे स्टेशन श्रीकृष्णानगर को पार कर तीन सौ मीटर पूरब पूर्वी सिग्नल के पास पहुंची तभी अचानक तेज आवाज के साथ बीच के 22 डिब्बे लूप लाइन छोड़कर मेन लाइन पर जाकर एक-दूसरे पर चढ़ गए। इस दौरान आवाज इतनी तेज हुई कि डिब्बों के परखचे उड़ गए। हादसे में तकरीबन सौ मीटर रेल पटरी भी क्षतिग्रस्त हो गई। इंजन के पीछे 21 डिब्बे व गार्ड के आगे 15 डिब्बे सुरक्षित रहे। चालक संजय यादव व गार्ड अशोक चौहान ने घटना की सूचना अधीक्षक श्रीकृष्णानगर मनोज यादव को दी।
आवाज सुनकर हजारों की भीड़ मौके पर जुट गई। दोपहर तकरीबन 12 बजे डीआरएम एसके सपरा व एडीआरएम वीके यादव, जबकि शाम छह बजे महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। हादसे की वजहों की जांच की जा रही है।
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बोले अधिकारी..
रेल हादसे को गंभीरता से लिया गया है। जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। घटना के जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी तक मिले साक्ष्य में रेल का बेल्ट टूटा पाया गया है। हालांकि दुर्घटना के और भी कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
-आशुतोष गंगल, महाप्रबंधक, उत्तर रेलवे।