श्रद्धालुओं को प्रयागराज पहुंचाएंगी रोडवेज की 155 बसें
माघ मेला प्रयागराज में श्रद्धालुओं को पहुंचाने के लिए अलग-अलग डिपो की 155 बसें लगाई गई हैं। बसों का संचालन मंगलवार से शुरू होगा जो 26 फरवरी तक चलेंगी। अलग -अलग क्षेत्रों में चार स्टाप निर्धारित कर दिए गए हैं।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: माघ मेला प्रयागराज में श्रद्धालुओं को पहुंचाने के लिए अलग-अलग डिपो की 155 बसें लगाई गई हैं। बसों का संचालन मंगलवार से शुरू होगा जो 26 फरवरी तक चलेंगी। अलग -अलग क्षेत्रों में चार स्टाप निर्धारित कर दिए गए हैं।
प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं को संगम के तट तक पहुंचाने के लिए कैंट, काशी, चंदौली व गाजीपुर डिपो से भी बसें मंगाई गई हैं। श्रद्धा के इस स्नान पर्व में संगम में डुबकी लगाने के लिए जिले से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु रवाना होते हैं, जिनकी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है। इसके लिए अलग-अलग चार प्रमुख केंद्रों पर बस स्टाप बनाए गए हैं। इसमें मछलीशहर से 45 बसें, सुजानगंगज से 35 बसें, जौनपुर डिपो से 30 बसें व बदलापुर से 45 बसें रवाना होंगी। माघ मेले के दौरान अन्य यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए भी बेहतर इंतजाम किए गए हैं। लखनऊ, वाराणसी व आजमगढ़ समेत अन्य स्थानों पर जाने के लिए निगम की 69 बसों को लगाया गया है। इसके साथ ही बसों की लेट-लतीफी दूर करने के लिए चालकों-परिचालकों की छुट्टियों को भी रद कर दिया गया है।
वर्जन--
श्रद्धालुओं की असुविधा के लिए अलग-अलग डिपो से बसों को लगाया गया है। बसों का संचालन 26 फरवरी तक होगा।
-विजय कुमार श्रीवास्तव, एआरएम।
ब्रीथ एनलाइजर से पकड़े जाएंगे शराबी बस चालक जागरण संवाददाता, जौनपुर: वाहन चलाते समय नशे की बढ़ रही प्रवृत्ति को देखते हुए रोडवेज बस चालकों को अब अल्कोहल टेस्ट से गुजरना होगा। इसके लिए यातायात अधीक्षक को ब्रीथ एनलाइजर दिया गया है। जांच टीम टिकट जांच के दौरान यह भी जाचेंगे कि चालक ने शराब तो नहीं पी रखी है। एक ब्रीथ एनलाइजर स्टेशन इंचार्ज को भी मिला है, जिससे बसों की कमान थामने के पहले चालकों की जांच करेंगे।
अभी तक महज प्राइवेट बस संचालक ही जांच की जद में आते थे, लेकिन अब सरकारी वाहन चालकों को इस परीक्षण से गुजरना होगा। नशे में गाड़ी चलाते पहली बार पकड़े जाने पर चेतावनी देकर छोड़ा जाएगा, जिसकी रिपोर्ट तैयार होगी। दूसरी बार भी नशे में गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। बता दें कि गत एक वर्ष में रोडवेज की 30 से अधिक बसें दुर्घटनाग्रस्त हुईं, जिसमें यात्रियों के घायल होने के साथ ही राजस्व को भी भारी-भरकम चपत लगी।
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बसों की चाबी देने के पहले चालकों का अल्कोहल टेस्ट कराया जा रहा है। डिपो में दो ब्रीथ एनलाइजर मौजूद है। फिलहाल कोई चालक ड्राइविग के वक्त नशा करते नहीं मिला है।
-विजय कुमार श्रीवास्तव, एआरएम।