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1.15 लाख की स्क्रीनिग, 510 के बलगम की हुई जांच

जागरण संवाददाता जौनपुर टीबी हारेगा-देश जीतेगा अभियान का दूसरा चरण चल रहा है। इसके त

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 08:17 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 08:17 PM (IST)
1.15 लाख की स्क्रीनिग, 510 के बलगम की हुई जांच
1.15 लाख की स्क्रीनिग, 510 के बलगम की हुई जांच

जागरण संवाददाता, जौनपुर: टीबी हारेगा-देश जीतेगा अभियान का दूसरा चरण चल रहा है। इसके तहत अभी तक 1.15 लाख लोगों की स्क्रीनिग व 510 लोगों के बलगम की जांच की गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम नगर के वार्डों व गांवों में जाकर लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक भी कर रही है।

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सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (एसीए़फ) की शुरुआत गत दो जनवरी को जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय पर की गई। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राकेश सिंह ने बताया कि अभियान के पहले दिन के अभियान से आठ नए टीबी रोगी उपचाराधीन हुए। वहीं पहले चरण के दौरान 1207 लोगों की स्क्रीनिग की गई। इसमें से 54 की जांच हुई जिसमें से एक क्षय रोगी पाया गया। द्वितीय चरण में जनपद की 10.50 लाख जनसंख्या को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। क्षेत्र में रहने वाली आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम की टीम के द्वारा घर-घर खोजने का कार्य किया जा रहा है। प्रशिक्षण में सभी लोगों को बताया गया है कि वह लोग अपने क्षेत्र में जब किसी के घर पहुंचे तो वह परिवार के सभी लोगों का स्क्रीनिग करें। यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो बलगम जांच के लिए नजदीक के जांच केंद्र पर भेजें। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर दवा शुरू कराना मुख्य कार्य होगा। इसके लिए कुल 420 टीमें बनाई गई हैं। प्रत्येक टीम में तीन सदस्य हैं और तीनों सदस्यों को दस दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 150 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पारिश्रमिक मिलेगा। इसके अलावा जिले के सभी एसीएमओ रैंक के अधिकारी, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारियों को मानीटरिग के लिए लगाया गया है। जिला कार्यक्रम समन्वयक सलिल यादव ने बताया कि टीमें घर-घर जाकर सभी की स्क्रीनिग कर रही हैं। संभावित लक्षण के आधार पर उनके सुबह के बलगम के दो नमूने लेकर संबंधित माइक्रोस्कोपिक सेंटर पहुंचा रही हैं। उसी दिन उस सैंपल की जांच हो रही है। जांच के दौरान टीबी की पुष्टि होने पर विभाग 48 घंटे के अंदर उसका उपचार शुरू करेगा। साथ ही संबंधित मरीज के खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान 500 रुपये प्रति माह की दर से भेजी जाएगी।


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