शिक्षक पढ़ाने को तैयार नहीं, 110 और विद्यालय खोलने का फरमान
प्राथमिक विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने के लिए शिक्षक तैयार नहीं हो रहे हैं। चयनित 110 स्कूलों में पढ़ाने के लिए जद्दोजहद के बाद भी शिक्षकों की संख्या पूरी नहीं हो पाई और शासन द्वारा प्रत्येक विकास खंडों में पांच-पांच और स्कूल खोलने का फरमान जारी कर दिया गया है। पढ़ाई शुरू न होने से जहां अभिभावक ठगा महसूस कर रहे हैं वहीं आमजन की टिप्पणी है कि विभाग कागजी आंकड़ा दुरुस्त करने की बजाय खामी को दूर कर प्रवेश लेकर शिक्षक कार्य शुरू कराए।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: प्राथमिक विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने के लिए शिक्षक तैयार नहीं हो रहे हैं। चयनित 110 स्कूलों में पढ़ाने के लिए जद्दोजहद के बाद भी शिक्षकों की संख्या पूरी नहीं हो पाई और शासन द्वारा प्रत्येक विकास खंडों में पांच-पांच और स्कूल खोलने का फरमान जारी कर दिया गया है। पढ़ाई शुरू न होने से जहां अभिभावक ठगा महसूस कर रहे हैं वहीं आमजन की टिप्पणी है कि विभाग कागजी आंकड़ा दुरुस्त करने की बजाए खामी को दूर कर प्रवेश लेकर शिक्षक कार्य शुरू कराए।
सूबे की सरकार द्वारा गरीब-गुरबों के बच्चों को अच्छी तालीम देने की योजना में योगदान से शिक्षक कतरा रहे हैं। जिले में प्रस्तावित अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने के लिए चयनित परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने से शिक्षक भाग रहे हैं। विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने वालों में अधिकांश बीएड के अलावा एमए, एमएससी, पीएचडी डिग्रीधारी हैं। उनकी योग्यता ही नहीं क्षमता भी अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने की है। लेकिन वह जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
शासन के आदेश पर प्रत्येक विकास खंड में पांच-पांच प्राथमिक और एक-एक जूनियर हाईस्कूलों में अंग्रेजी माध्यम पढ़ाई के लिए लिया गया था। जबकि 110 विद्यालय पिछले साल के चयनित हैं। तमाम प्रयास के बाद भी इन स्कूलों में मानक के अनुसार शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों की तैनाती नहीं हो पाई है। इतना ही नहीं चयन के मानक को भी दरकिनार कर नियुक्ति करने का प्रयोग भी फेल हो गया। रिक्त पदों पर तैनाती का प्रयास चल ही रहा था कि प्रत्येक ब्लाक में पांच-पांच और विद्यालय खोलने संबंधी पत्र बेसिक शिक्षा सचिव का आ गया है। समिति को करना था शिक्षकों का चयन
अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों का चयन समिति द्वारा किया जाना था। समिति में डायट प्राचार्य अध्यक्ष, राजकीय इंटर कालेज के अंग्रेजी प्रवक्ता, अंग्रेजी विषय के विशेषज्ञ सदस्य और बीएसए सचिव होंगे। समिति द्वारा चयन हेतु 50 अंक की लिखित परीक्षा तथा 50 अंक की व्यक्तित्व परीक्षा ली जाएगी। चयनित शिक्षकों का डायट पर पांच-पांच दिन का दो चरणों में प्रशिक्षण भी देने का नियम है। शिक्षकों के पढ़ाने के लिए तैयार न होने पर परीक्षा का मानक खत्म कर दिया गया।
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जनपद में 110 और अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय चयनित करने का आदेश आया है। जिसके लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। आने वाले नए शिक्षकों में से योग्य को चयनित कर अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेजा जाएगा। तब तक जो शिक्षक मिले हैं उन्हीं से काम चलाया जाएगा।
डा.राजेंद्र प्रसाद
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी