44 प्राथमिक माडल स्कूलों के लिए 1047 लाख
सूबे में कान्वेंट स्कूलों को टक्कर देने के लिए परिषदीय स्कूलों को संसाधनों से लैस किया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। इसी कड़ी में जनपद में 44 प्राथमिक माडल स्कूल तैयार करने के लिए 1047.20 लाख रुपये आवंटित किया गया है। बेसिक शिक्षा निदेशक का आदेश आने के बाद स्कूलों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: सूबे में कान्वेंट स्कूलों को टक्कर देने के लिए परिषदीय स्कूलों को संसाधनों से लैस किया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। इसी कड़ी में जनपद में 44 प्राथमिक माडल स्कूल तैयार करने के लिए 1047.20 लाख रुपये आवंटित किया गया है। बेसिक शिक्षा निदेशक का आदेश आने के बाद स्कूलों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
योगी की सरकार बनने के बाद प्रदेश में पिछले दो साल से परिषदीय स्कूलों में भौतिक परिवेश को आकर्षण बनाने, फर्नीचर, टाइल्स, पेयजल, शौचालय, विद्युतीकरण व चहारदीवारी आदि का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों व विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से कुछ परिषदीय विद्यालयों को डिजिटल लर्निंग से सुसज्जित किया गया है। इन प्रयासों से परिषदीय स्कूलों के प्रति न सिर्फ जनमानस का झुकाव बढ़ा है बल्कि नामांकन भी अधिक हो रहे हैं।
प्रगति से उत्साहित सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों में एक हिदी व एक अंग्रेजी माध्यम विद्यालय को माडल स्कूल में विकसित करने का आदेश दिया है। इसके लिए प्रत्येक स्कूल को 23.80 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। गत 23 मई को बेसिक शिक्षा निदेशक ने माडल स्कूलों के चयन हेतु सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेशित किया है। माडल स्कूलों में यह होगी सुविधा:-
प्रस्तावित मद-आवंटित धनराशि
चहारदीवारी- एक लाख
शौचालय-50 हजार
टाइल्स, कोटा स्टोन-6.25 लाख
फर्नीचर (स्टाफ व बच्चों के लिए)-3.50 लाख
सोलर सिस्टम (10किलोवाट)-5.00
पुस्तकालय, साइंस लैब- एक लाख
डिजिटल क्लास रूम- एक लाख
व्हाइट बोर्ड-25 हजार
विद्यालय भवन की पेंटिग-1.50लाख
रर्निंग वाटर सुविधा-1.50 लाख
खेल सामग्री-30 हजार
माइक सिस्टम, ड्रम सिस्टम-50 हजार
वाटर कूलर-30 हजार
झूला-50 हजार
खिलौना-10 हजार
साइंस, मैथ व लैंगवेज लैब-50 हजार
अग्निशमन यंत्र-10 हजार सरकार का यह कदम सराहनीय है। इससे अच्छा कार्य करने वाले विद्यालयों को प्रोत्साहन मिलेगा और कान्वेंट स्कूलों को हम पीछे कर सकेंगे। समाज का नजरिया भी परिषदीय स्कूलों के प्रति बदलेगा, क्योंकि कहीं न कहीं यहीं संसाधन देख अच्छे परिवार के लोगों का झुकाव अंग्रेजी माध्यम प्राइवेट स्कूलों की तरफ अधिक था।
-अमित सिंह
जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ प्रत्येक ब्लाक में एक-एक हिदी व अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों को माडल विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशक का पत्र 23 मई को आया है। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह ऐसे स्कूलों का चयन करें तो अन्य विद्यालयों के लिए उदाहरण के रूप में सिद्ध हों।
-डा. राजेंद्र प्रसाद सिंह
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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