नहर टूटने से डूब गई सौ बीघे की फसल
शारदा सहायक खंड-36 नहर की पटरी भटौली गांव में टूट जाने से करीब सौ बीघे गेहूं चना व सरसों की फसलें जलमग्न हो गईं।
जागरण संवाददाता, तेजी बाजार (जौनपुर): शारदा सहायक खंड-36 नहर की पटरी भटौली गांव में टूट जाने से करीब सौ बीघे गेहूं, चना व सरसों की फसलें जलमग्न हो गईं। शुक्रवार की सुबह 11 बजे अचानक पानी बढ़ जाने से नहर टूट गई। इससे फसलों के नष्ट हो जाने को लेकर किसानों की चिता बढ़ गई है। इसमें लगभग 30 किसानों की फसलें शामिल हैं।
नहर के दक्षिणी पटरी भटौली ग्राम पंचायत में पानी बढ़ जाने पर अचानक नहर टूट गई। जब तक ग्रामीण पटरी बांधने का प्रयास करते, तब तक करीब सौ बीघे में लगीं फसलें जलमग्न हो गईं। इस दौरान दर्जनों किसान पटरी बांधने में जुटे रहे, लेकिन पटरी को ठीक नहीं कर सके।
जल उपभोक्ता समिति के कोषाध्यक्ष संदीप सिंह का आरोप है कि अधिकारियों ने समिति को भंग करके नहर की सफाई के नाम पर लीपापोती की है। नहर की सफाई न होने के कारण उसकी पटरी टूटी है। इससे सत्येंद्र सिंह, मोती सिंह, राजमणि यादव, हीरा सिंह, जसवंत सिंह, विनय सिंह, छंगू यादव, राजकुमार, रविद्र यादव, बुद्धू सिंह आदि दर्जनों किसानों की फसल पानी में डूबी हैं। शाम तक नहर के पटरी के मरम्मत का कार्य जारी रहा। वर्जन--
नहर की पटरी टूटने की सूचना मिली। इसके बाद से पानी बंद करके उसकी मरम्मत कराई जा रही है।
एसडीओ सुभाष सिंह, नहर विभाग जंगली सूकर के हमले में आधा दर्जन घायल
जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर): गोमती नदी के तटवर्ती गांवों में जंगली सूकरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। फसलों के दुश्मन बने सूकर अब ग्रामीणों पर हमला भी करने लगे हैं। शुक्रवार की सुबह बुढ़नेपुर गांव में जंगली सूकर ने हमलाकर छह लोगों को घायल कर दिया।
गांव की अनुसूचित जाति बस्ती के कुछ लोग सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर राशन लेने जा रहे थे। इसी दौरान जंगली सूकर ने अचानक खेत से निकलकर उन पर हमला कर दिया। हमले में बुढ़नेपुर के मनीष, अमित, प्रियांशु, बाबा व जोखापुर पुरवा के डब्बू पाल घायल हो गए। मनीष सबसे ज्यादा जख्मी हुए हैं। ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर दौड़े, लेकिन सूकर भाग निकला। घायलों को एक निजी चिकित्सक के यहां ले जाया गया। जंगली सूकर के आतंक से न सिर्फ बुढ़नेपुर बल्कि आस-पास के अन्य गांवों के लोग भी खौफजदा हैं। बता दें, जंगली सूकर काफी समय से अन्नदाताओं द्वारा खेत में दिन-रात मेहनत कर उगाई गई फसलों को झुंड में घुसकर तबाह कर दे रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग व जिला प्रशासन से इस समस्या से निजात दिलाने को ठोस कदम उठाने की मांग की है।