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तालाबों में महिलाओं ने विसर्जित की मौर

जागरण संवाददाता उरई रविवार को मौराई छठ के पर्व पर महिलाओं ने व्रत रखकर संतान प्रा

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 07:30 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 07:30 PM (IST)
तालाबों में महिलाओं ने विसर्जित की मौर
तालाबों में महिलाओं ने विसर्जित की मौर

जागरण संवाददाता, उरई : रविवार को मौराई छठ के पर्व पर महिलाओं ने व्रत रखकर संतान प्राप्ति एवं संतान की लंबी आयु की कामना की। महिलाओं ने माहिल तालाब व जालौन के मुरली मनोहर तालाब पर सूर्यदेव को अ‌र्घ्य दिया। शाम को महिलाओं ने लड़कों की शादी में लगने वाली मौर को पानी में विसर्जित किया।

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नवविवाहित महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए एवं जिन महिलाओं के संतान हैं वह अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना के लिए मौराई छठ का व्रत व पूजा अर्चना करती हैं। पं. देवेंद्र दीक्षित बताते हैं कि धर्म ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मौराई छठ का व्रत रखा जाता है। मौराई छठ पर मुख्य रूप से भगवान सूर्यदेव की पूजा की जाती है। इस बार मौराई छठ रविवार को होने से सूर्य पूजा का विशेष योग बना क्योंकि ये तिथि और वार दोनों के ही स्वामी सूर्यदेव हैं। भविष्योत्तर पुराण के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, सूर्याेपासना, जप एवं व्रत किया जाता है। इसमें भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें और चावल, फूल डालकर सूर्य को अ‌र्घ्य दें। सूर्यदेव की पूजा के बाद एक समय फलाहार करें। लड़कों की शादी के पहली वर्ष में मौर को महिलाएं लेकर तालाबों पर जाती हैं। इसके बाद वह उसे पानी में विसर्जित करती हैं। शहर के माहिल तालाब पर भारी संख्या में महिलाएं पहुंची और मौर को पानी में विसर्जित किया। इसी तरह जालौन के मुरली मनोहर तालाब के साथ जिले के सभी तालाबों में महिलाओं ने मौर विसर्जित की।


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