बदहाल सड़क पर जागे जिम्मेदार, बनेगी टरननगंज सड़क
जाम लगते ही भारी से लेकर सभी वाहन इसी से होकर
संवाद सहयोगी, कालपी : नगरवासियों के लिए अच्छी खबर है। दैनिक जागरण के बदहाल सड़क अभियान के तहत उठाई गई हजारों लोगों की प्रमुख समस्या पर जिम्मेदार अधिकारियों की नींद टूटी है। नगर के प्रमुख राजमार्ग यानी टरननगंज सड़क बनवाने की दिशा में कदम उठाया गया है। नगर पालिका अधिशाषी अभियंता ने हाईवे प्राधिकरण से निर्माण के लिए बजट की मांग की है। पत्र भेजकर बताया कि अधूरे हाईवे और ओवरब्रिज निर्माण के दौरान जाम लगते ही भारी से लेकर सभी वाहन इसी से होकर गुजरते हैं। जिससे यह हालत हुई है। इसके निर्माण के लिए हाईवे प्राधिकरण बजट उपलब्ध कराए। बजट नहीं दिए जाने पर उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा।
दैनिक जागरण में गुरुवार के अंक में प्रमुखता से विधायक जी, गड्ढों में तब्दील है राजमार्ग, कहां से निकलें खबर प्रकाशित की गई। इसी सड़क से होकर हजारों लोग आवागमन करते हैं। गड्ढे और दलदल में तब्दील मार्ग के किनारे ही प्रमुख बाजार है। ग्रामीण इलाकों के लोग भी यहीं पर खरीदारी करने आते हैं। हाईवे पर जाम लगते ही वाहनों का आवागमन इसी से शुरू हो जाता है। जिससे नगर की तीनों सड़कें बदहाल हालत में पहुंच गईं। आमजन की समस्या प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद इसकी सूरत संवारने की दिशा में कवायद शुरू हो गई है।
ईओ व पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि ने उठाया कदम
नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी सुशील कुमार व पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि जगजीवन अहिरवार ने हाईवे प्राधिकरण के महाप्रबंधक को भेजे पत्र में बताया कि ओवरब्रिज व हाईवे निर्माण चल रहा है। जाम लगने पर हाईवे का ट्रैफिक डायवर्ट करके इधर से गुजारा जाता है। ट्रैफिक फुलपावर चौराहे से नगर पालिका कार्यालय के सामने से होते हुए अमलतास तिराहे पर निकलता है। भारी वाहनों के निकलने से सड़क ध्वस्त हो गई। बड़े-बड़े गड्ढों में बारिश से जलभराव हो जाता है। सड़क किनारे ही बाजार है। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सड़क के निर्माण के लिए हाईवे प्राधिकरण की निर्माण इकाई के ठेकेदारों से कहा गया लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। दूसरे मार्ग भी हैं चपेट में
पत्र में कहा गया कि ओवरब्रिज निर्माण के लिए आइटीआइ से राजघाट होते हुए हरीगंज, दुर्गा मंदिर व फुलपावर चौराहे तक दो किमी सड़क पर मिट्टी की सप्लाई की जा रही है। वाहनों के चलते यह दोनों सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। सडकों का निर्माण या तो हाईवे प्राधिकरण से करवा दें या फिर आने वाला व्यय नगर पालिका परिषद को उपलब्ध करा दें, जिससे सड़क निर्माण करवाया जा सके। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो पालिका उच्च न्यायालय की शरण मे जाएगी।