जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए होने लगा धनबल का प्रयोग
संवाद सहयोगी कोंच पंचायत चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण एवं शक्तिशाली पद जिला पंचायत अध्यक्ष का है। सरकार की मंशा रहती है कि जिला पंचायत अध्यक्ष उसके दल का हो इसीलिए राजनीतिक दल जिला पंचायत सदस्यों की सूची जारी अपने-अपने अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया करते हैं। राजनीतिक पार्टियां घोषित प्रत्याशियों को पार्टियों का सिबल देने से बचती है। क्योंकि बहुमत न होने पर वह जोड़तोड़ कर सके संपन्न हुए चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। इसलिए सभी जोड़तोड़ करने में लगे हैं। ऐसे में निर्दलीय सदस्यों की अहमियत सबसे अधिक बढ़ गई है।
संवाद सहयोगी, कोंच : पंचायत चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण एवं शक्तिशाली पद जिला पंचायत अध्यक्ष का है। सरकार की मंशा रहती है कि जिला पंचायत अध्यक्ष उसके दल का हो इसीलिए राजनीतिक दल जिला पंचायत सदस्यों की सूची जारी अपने-अपने अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया करते हैं। राजनीतिक पार्टियां घोषित प्रत्याशियों को पार्टियों का सिबल देने से बचती है। क्योंकि बहुमत न होने पर वह जोड़तोड़ कर सके संपन्न हुए चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। इसलिए सभी जोड़तोड़ करने में लगे हैं। ऐसे में निर्दलीय सदस्यों की अहमियत सबसे अधिक बढ़ गई है।
25 सदस्यों वाले जिला पंचायत सदस्य में जनता ने किसी भी दल को बहुमत नहीं दिया है। हालांकि प्रमुख दलों ने सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और पूरा प्रचार भी जिताने के लिए किया था लेकिन जब परिणाम आए तो भाजपा छह, बसपा सात, कांग्रेस एक, सपा चार, अपना दल एक तथा निर्दलीय छह सीटों पर जीत गए जिससे सभी दलों के गणित गड़बड़ा गए। जीत के लिए 13 सदस्यों की आवश्यकता जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने में होगी। फिलहाल अभी तक किसी भी पार्टी की ओर से कोई प्रत्याशी अध्यक्ष पद के लिए घोषित नहीं किया गया है। जिसने अध्यक्ष बनने के लिए चुनाव लड़ा है उनमें सबसे प्रमुख और नया चेहरा पूर्व डिप्टी कमिश्नर और पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी की पत्नी उर्मिला सोनकर हैं जो कांग्रेस पार्टी से नदीगांव की कैलिया सीट से विजेता हुई हैं। उनकी मजबूरी यह है कि उनके अलावा कांग्रेस को और कहीं सफलता नहीं मिल पाई है लेकिन जोड़ जोड़ में वह किसी से कम नहीं हैं। उनके पति पूर्व में बसपा से सांसद रहे और अब भले ही कंपनी में हों लेकिन उनकी पकड़ अभी भी बसपा में है और वह प्रयास भी कर रहे हैं कि वह पत्नी को जिताकर अध्यक्ष की कुर्सी तक ले जा सकें। सत्ताधारी दल भाजपा में पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी नदीगांव की ही रेंढ़र सीट से जीत कर आए हैं वह पूरे दमखम से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने की जोड़तोड़ मे लगें हैं। प्रत्याशी अपने पुराने सहयोगियों एवं निर्दलीय को अपने पाले में करने की कोशिश में लगे हैं। भाजपा के ही कुछ लोग कोंच की पहड़गाव सीट से जीती अनुसूचित जनजाति की पूनम का नाम आगे किए हुए हैं और पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार जिला पंचायत अध्यक्ष पद का बनाने के लिए पैरवी करने में लगे हैं। 20 मई तक चुनाव पूर्ण होने की उम्मीद है।