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चोरी गई एसडीएम की रिवाल्वर छह साल बाद वकील के पास मिली

जालौन सहित प्रदेशो के विभिन्न जनपदों में 5 करोड़ से

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 11:13 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 11:13 PM (IST)
चोरी गई एसडीएम की रिवाल्वर छह साल बाद वकील के पास मिली
चोरी गई एसडीएम की रिवाल्वर छह साल बाद वकील के पास मिली

जागरण संवाददाता, उरई : पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन में सफर के दौरान सूटकेस के साथ चोरी हुई लखनऊ निवासी एसडीएम की लाइसेंसी रिवाल्वर छह साल बाद कानपुर देहात के एक वकील के पास मिली। पकड़े गए चोर की निशानदेही पर पुलिस ने रिवाल्वर बरामद करने के साथ ही चोर से इसे खरीदने वाले वकील को गिरफ्तार कर लिया है। रिवाल्वर का लाइसेंस लखनऊ के पते से बनवाया गया था।

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अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. अवधेश सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि कुठौंद थाना पुलिस ने गुरुवार शेखपुरा बुजुर्ग गांव के पास कार से जा रहे तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार किया। इनमें कुकर गांव निवासी फारुख, शुभम मिश्रा एवं उसके भाई किशन मिश्रा निवासी लेबर कॉलोनी दादानगर, कानपुर नगर शामिल हैं। जिस कार में आरोपित सवार थे, चोरी की है। इनके पास से एक तमंचा, एक साबड़, एक चाकू व प्लास्टिक की टॉर्च बरामद भी गई। फारुख से पता चला कि वह ट्रेनों की वीआइपी बोगी में चोरी करने में माहिर है। पूछताछ में नौ जुलाई 2014 को पुष्पक एक्सप्रेस की एस-1 बोगी से एक सूटकेस की चोरी और उसमें रुपये, कपड़े के अलावा लाइसेंसी रिवाल्वर भी मिलने की बात बताई। रिवाल्वर दस हजार रुपये कीमत में कानपुर देहात के अकबरपुर थानांतर्गत ग्राम शहजादपुरा निवासी वकील शमशाद को बेची थी। फारुख की निशानदेही पर शमशाद को भी गिरफ्तार किया गया। उसके पास से रिवाल्वर बरामद हुई। वकील को जेल भेज दिया गया है।

अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बरामद रिवाल्वर का लाइसेंस एसडीएम सुरेंद्रनाथ शुक्ला निवासी ई-3/181 विजयखंड गोमतीनगर लखनऊ के नाम है। उनकी मौजूदा तैनाती का पता नहीं है। उन्होंने चोरी की रिपोर्ट कानपुर जीआरपी थाना में दर्ज कराई थी, बाद में विवेचना उरई जीआरपी ट्रांसफर हो गई थी। गिरोह को पकड़ने वाली टीम में कुठौंद थानाध्यक्ष अरुण कुमार तिवारी, उप निरीक्षक दिव्य प्रकाश तिवारी समेत आठ पुलिसकर्मी हैं। टीम को 10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

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आरोपित रेल चोरी में भी है शामिल

उरई : अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. अवधेश सिंह ने बताया कि शातिर बदमाश फारूख उसके साथी शुभम व किशन वर्तमान में पशु तस्करी के अपराध में लिप्त थे। वाहन लेकर तीनों एक साथ निकलते थे और किसानों की बकरी पकड़कर गाड़ी में डाल लेते थे, लेकिन जब उनके पूछताछ की गई तो फारुख ने ट्रेनों में चोरी की बात भी स्वीकार कर ली। जिसके बाद रिवाल्वर बरामद होने की बड़ी सफलता हाथ लग गई।


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