मुफलिसी की कगार पर पहुंचे बसों के चालक व परिचालक
संवाद सूत्र रामपुरा कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पूरे देश में लगे लॉकडाउन ने प्राइवेट बस संचालन में अहम भूमिका निभाने वाले कर्मकार आज भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। करीब दो महीने से मुफलिसी के दौर से गुजरने वालों के परिवार वालों के सामने रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है। उनका दर्द है कि मदद के लिए अभी तक किसी ने पहल नहीं की है। लॉकडाउन के कारण प्राइवेट बसों का संचालन दो महीने से ठप है। बसों के संचालन से सैकड़ों परिवारों का जीविकोपार्जन चलता है। संचालन से सड़क किनारे संचालित होटलों पर भी रौनक रहती है। दो से ढाई सौ रुपये पैदा करने वालों को अब एक एक पाई को मोहताज होना पड़ रहा है। वह कहते हैं कि राहत सामग्री लेने की बात तो दूर उस कतार में लगने में शर्म महसूस करते हैं।
संवाद सूत्र, रामपुरा : कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पूरे देश में लगे लॉकडाउन ने प्राइवेट बस संचालन में अहम भूमिका निभाने वाले कर्मकार आज भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। करीब दो महीने से मुफलिसी के दौर से गुजरने वालों के परिवार वालों के सामने रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है। उनका दर्द है कि मदद के लिए अभी तक किसी ने पहल नहीं की है।
लॉकडाउन के कारण प्राइवेट बसों का संचालन दो महीने से ठप है। बसों के संचालन से सैकड़ों परिवारों का जीविकोपार्जन चलता है। संचालन से सड़क किनारे संचालित होटलों पर भी रौनक रहती है। दो से ढाई सौ रुपये पैदा करने वालों को अब एक एक पाई को मोहताज होना पड़ रहा है। वह कहते हैं कि राहत सामग्री लेने की बात तो दूर उस कतार में लगने में शर्म महसूस करते हैं।
इन रूटों पर चलती हैं बसें
जगम्मनपुर से औरैया वाया उरई- 24 बसें
रामपुरा से बंगरा वाया उरई -9 बसें
रामपुरा से उरई वाया ऊमरी -14 बसें
------- घर बैठने को विवश चालक व कंडक्टर
प्राइवेट बसों पर करीब पौने दो सौ लोग ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर के रूप में कार्य करते हैं। चालक, परिचालक, हेल्पर गोविद सिंह, ओमप्रकाश, नरेश, रामप्रकाश, लालजी, गजेंद्र सिंह, वीर सिंह, पप्पू, राधारमण आदि बताते हैं कि वह लोग 20 से 35 वर्षो से यहीं धंधा कर प्रतिपाल करते आ रहे हैं। दो माह से संचालन ठप होने से इन लोगों के सामने लिए गए कर्ज की अदायगी, रोजमर्रा का सामान खरीदने में भी उनको दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।