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गांधीवादी चितक की अस्थियां पचनद में होंगी विसर्जित

जागरण संवाददाता उरई सुप्रसिद्ध गांधीवादी चितक डा. एसएन सुब्बाराव की अस्थि विसर्जन यात्रा के अं

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 05:08 PM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 05:08 PM (IST)
गांधीवादी चितक की अस्थियां पचनद में होंगी विसर्जित
गांधीवादी चितक की अस्थियां पचनद में होंगी विसर्जित

जागरण संवाददाता, उरई : सुप्रसिद्ध गांधीवादी चितक डा. एसएन सुब्बाराव की अस्थि विसर्जन यात्रा के अंतर्गत सोमवार को माधौगढ़ में परमार्थ पुरम में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद गांधी आश्रम जौरा मुरैना से लाई गई अस्थियों को पनचद में विसर्जन किया जाएगा।

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डा. संजय सिंह ने बताया कि उनकी अस्थि विसर्जन यात्रा भिड के रास्ते से जिले में प्रवेश करेगी। जालौन के गोपालपुरा बंगरा होते हुए माधौगढ़ पहुंचेगी। इस यात्रा में उनके शिष्य मनीष राजपूत, डा. मोहम्मद नईम प्रोफेसर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी, मनीष साहू साथ रहेंगे। डा. एसएन सुब्बाराव जिन्हें जीवित गांधी की श्रृंखला में देखा जाता था उनका देहांत 27 अक्टूबर 2021 को हो गया था। उनकी अंत्येष्टि जोरा आश्रम मुरैना में वेद मंत्रों व राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उन्होंने चंबल के बागियों का 1972 में समर्पण कराने में अहम भूमिका निभाई थी। मुरैना के जौरा में उन्होंने एक साथ 500 बागियों का समर्पण कराया था और एक सैकड़ा बागियों का समर्पण धौलपुर में हुआ था। डाकुओं के समर्पण के दौरान सुब्बाराव जी कई बार जालौन के बीहड़ों में आए और कई बार यात्राएं की जिससे चंबल में उस समय के सबसे दुर्दांत डकैतों का आत्मसमर्पण कराया था। पूरे चंबल के इलाके में उन्हें लोग शांति दूत के नाम से जानते हैं। डा. सुब्बाराव 13 साल की उम्र में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में जेल गए थे। वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रहे। पूरे जीवन भर उन्होंने गांधी के मूल्यों व सिद्धांतों को अपने में समेट कर पूरी जिदगी जी।


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