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सरकारी केंद्र पर सन्नाटा, प्राइवेट दुकानदार खरीद रहे धान

संवाद सहयोगी जालौन नगर में खुले सरकारी धान खरीद केंद्र पर अभी तक खरीद की शुरुआत नहीं

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 11:49 PM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 11:49 PM (IST)
सरकारी केंद्र पर सन्नाटा, प्राइवेट  दुकानदार खरीद रहे धान
सरकारी केंद्र पर सन्नाटा, प्राइवेट दुकानदार खरीद रहे धान

संवाद सहयोगी, जालौन : नगर में खुले सरकारी धान खरीद केंद्र पर अभी तक खरीद की शुरुआत नहीं हो सकी है। जबकि प्राइवेट गल्ला व्यपारियों के यहां धान बेचने के लिए किसानों की भीड़ लगी है। प्राइवेट केंद्रों में अभी तक गल्ला मंडी में तकरीबन 12235 क्विटल धान की खरीद हो चुकी है। जबकि धान की आवक न होने से आरएफसी का एक धान क्रय केंद्र बंद हो गया है।

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किसानों का धान सरकारी दर पर खरीदने के लिए गल्ला मंडी में सरकारी धान क्रय केंद्र खोला गया है। सरकारी क्रय केंद्र पर धान खरीदने के लिए तय किया गया है कि किसान अपने धान को साफ व सुखाकर मानक के अनुरूप बेचने के लिए लाएं। धान खराब होने के कारण उसे केंद्र प्रभारी उसे रिजेक्ट कर सकता है। हालांकि इसके खिलाफ किसान क्षेत्रीय विपणन अधिकारी अध्यक्षता में गठित अपीलीय कमेटी में अपील कर सकता है। धान बेचने के लिए पंजीकरण कराना भी आवश्यक है। बायोमैट्रिक मशीन पर सत्यापन के बाद किसानों का धान खरीदा जाएगा। खरीद का पैसा किसानों के आधार लिक खाते में भेजे जाने का प्राविधान है। इस वर्ष धान का समर्थन मूल्य 1940 रुपये प्रति क्विटल है और ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1960 रुपये प्रति क्विटल है। केंद्र खुले हुए एक पखवारे से अधिक समय बीत चुका है। अभी तक सरकारी धान खरीद केंद्र किसानों के न पहुंचने से धान खरीद केंद्र पर खरीद की शुरुआत नहीं हो सकी है। लगभग एक सप्ताह पूर्व कुठौंद क्षेत्र का आरएफसी का धान खरीद केंद्र भी गल्ला मंडी में खोला गया था। केंद्र पर भी धान बेचने के लिए किसान नहीं पहुंचे। ऐसे में केंद्र संचालक ने अपना केंद्र बंद कर चुका है। एक ओर जहां सरकारी धान खरीद केंद्र पर किसान धान बेचने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। जबकि गल्ला मंडी में प्राइवेट व्यपारियों के पास धान बेचने के लिए किसानों का जमावड़ा लग रहा है। गल्ला मंडी में प्राइवेट व्यापारी किसानों का ग्रेड ए का धान 2800 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक खरीद रहे हैं। किसान अमर सिंह, अभिनंदन, विशाल, अतुल कुमार आदि ने बताया कि जब प्राइवेट व्यापारी धान को बढ़ी हुई कीमत पर खरीद रहे हैं तो किसान सरकारी केंद्र पर क्यों पहुंचेगा। इसके अलावा सरकारी केंद्र पर धान बेचने के लिए तमाम नियम कानून हैं। ऐसे में किसानों को प्राइवेट व्यापारियों के पास ही धान बेचना उचित लग रहा है। मंडी सचिव वीरेंद्र कुमार ने बताया कि अभी तक प्राइवेट व्यापारियों के पास तकरीबन 12235 क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है।


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