स्कूली वाहन नहीं मानते नियम, ठूस-ठूस कर भरते बच्चे
जालौन 31 जनवरी ।बच्चों की सुरक्षा के बड़े दावे करने वाले निजी स्कूलों द्वारा की जा रही नियमों की धज्जियां हर रोज छुट्टी के वक्त देखी जा सकती हैं। कम जगह में बच्चों को ठूंसकर बैठाए जाने के बाद सड़कों पर रफ्तार भरते इन छोटे निजी वाहनों के प्रति न तो अभिभावक ही सतर्क हैं और न हीं जिम्मेदार।नगर में 1 दर्जन स्कूल ऐसे हैं जिनमें लगे वाहन बच्चों को ढो रहे हैं। लेकिन इन वाहनों में सुरक्षा के नजरिए को ध्यान में रखते हुए मानकों की पूर्ति नहीं की जा रही है। शिक्षा विभाग और परिवहन अधिकारी भी ऐसे संचालकों पर कार्रवाई करने से हिचकिचा रहे हैं
संवाद सहयोगी, जालौन : निजी स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों की सुरक्षा खतरे में दिखाई देती है। मानकविहीन और गैस किट लगे वाहनों में बच्चे आवागमन करते हैं। खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जाने के बाद भी जिम्मेदारों की आंखों पर पट्टी बंधी है। दिक्कत यह कि सबकुछ जानते हुए अभिभावक भी सतर्क नजर नहीं आते हैं। करीब 12 निजी स्कूलों के संचालकों के आगे विभाग भी नतमस्तक दिखाई दे रहा है। शिक्षा विभाग और परिवहन अधिकारी भी ऐसे संचालकों पर कार्रवाई करते नहीं दिख रहे हैं।
जिम्मेदारों का हाल यह है कि यातायात माह नवंबर के बाद से अब तक नियम-कायदे हवा में उड़ा रहे वाहनों की धरपकड़ के लिए अभियान ही नहीं चलाया गया है। पूर्व में भी कभी बड़ी कार्रवाई होते नहीं दिखी। आधुनिक और हाइटेक पढ़ाई का दावा करने वाले स्कूल संचालक सुरक्षा व्यवस्था को ठेंगे पर रखे नजर आते हैं। पंजीकृत वाहन गिनती के हैं, जबकि निजी वाहनों में बच्चों को ढोया जा रहा है। कई वाहन ऐसे भी हैं जिनमें मानक के विपरीत एलपीजी गैस सिलिंडर से फर्राटा भरा जा रहा है। शुक्रवार को सवारी वाली मैजिक में 23 बच्चे नामी स्कूल के भरे थे। हालांकि पूछने पर प्रधानाचार्य अनजान बन गए।
एआरटीओ मनोज का कहना है कि ऐसे वाहन के खिलाफ शीघ्र ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी।