गलियारों में जनसमस्याएं, जरूरतें और गांव के कल पर मंथन
विमल पांडेय उरई ई सियासत आए गांव की का करे का है हमे। हम तो वही का वोट देइबे जो गांव की अन्ना जानवरन का समस्या से मुक्ति दिलवाई। अब बहुत होईगा अबकी बार गांव की महिलाओं का भी चुनाव के बरे सजग होइ जावा चाही।
देश की आत्मा आज भी गांवों में है। वह गांव की खुली आबोहवा, वह गांव की पगडंडियां, वह नहरें और तालाब, वह गांव की चौपालें जहां दिन का थका हारा एक ग्रामीण जब बैठता है तो उसे गांव के हर कमजोर व्यक्ति का दर्द दिख जाता है। ग्राम पंचायत के चुनाव में भी यह चौपालें दिखती हैं। लेकिन इन चौपालों में गांव की फिक्र भी दिखती है। गांव की जनसमस्याएं, जरुरतें, विकास और गांव के कल पर मंथन हर ओर दिख जाता है। आइए देखते हैं पंचायत चुनाव में कालपी तहसील के एक गांव जोल्हूपुर लाइव कहानी। विमल पांडेय , उरई
ई सियासत आए गांव की, का करे का है हमे। हम तो वही का वोट देइबे जो गांव की अन्ना जानवरन का समस्या से मुक्ति दिलवाई। अब बहुत होईगा अबकी बार गांव की महिलाओं का भी चुनाव के बरे सजग होइ जावा चाही।
कालपी तहसील के जोल्हूपुर ग्राम पंचायत में गोमती देवी के दरवाजे पर सोमवार सियासत के शोर से इतर कुछ गंभीर मुद्राओं में महिलाएं मंथन कर रही थीं। यह मंथन था उनके गांव के समग्र विकास का, वादों और इरादों का। यहां महिलाओं में चुनाव के प्रति कुछ आक्रोश भी दिख रहा था। दरवाजे पर गेहूं की सफाई कर रहीं गोमती और पार्वती का द्वंद सिर्फ गांव की अन्ना पशुओं की समस्या थी। गोमती बोली बहिनी अब तो खेतेन की निगरानी करेके लाने रात- रात भर जगराता करे का परत है। यह गांव की समस्या का कोऊ नहीं दूर करा पावा आय। भला अन्न न होई तो खइबे का। पार्वती तपाक से बोल पड़ी दीदी हम यह आए कहित रहे कि अबकी बार वही का वोट देय का होई जोकेरे इ समस्या से निदान कराई। दो महिलाओं के आपसी द्वंद से यह बात दीगर रही कि चुनाव में महिलाएं भी अपनी आवाज को उठाने में पीछे नहीं दिख रही हैं। काफिला आगे बढ़ा तो बीच गांव में रामदीन के दरवाजे पर अट्ठहास मचा हुआ था । रामदीन बोले अबकी देखेव इ योगी सरकार मा कोऊ दारू बंटवावा तो वहिका जेल जाए का परी। लोगों के चेहरे में एक खौफ भी दिख रहा था। राजू सिंह बोल ही पड़े अरे चाचा देखेव नही कि अपनेन जिले मा कई जनन की मौत नकली शराब के पिये से होई गे रहे।भूपेंद्र सिंह के दरवाजे पर अलग ही राग अलापा जा रहा था। भूपेंद्र सिंह बोले भइया हमरे गांव मा स्वास्थ्य योजनाओं का हाल ठीक नहीं रहत आए। अबकी यहिका सुधारे के बरे भी कायदे से कोशिश करेका चाही। कम से कम टीकाकरण से समय से होइ जावा करे। ग्रामीणाों की बातचीत में सियासत के बीच कुछ मुद्दे भी सामने आ रहे थे। कुछ जिम्मेदारियां भी चुनाव लड़ने वाले उन महानुभावों के कानो तक पहुंच रही थी जो अपने वादों और इरादों से पूरे गांव को जीतने का दम भरे थे। एक नजर में गांव :
ग्राम सभा : जोल्हूपुर
मजरे : मोतीनगर, देवी मजरा
कुल आबादी : 4200
कुल मतदाता : 2124