सर्दी बढ़ते ही जंगलों में शुरू हुई पेड़ों की कटान
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संवाद सूत्र, बंगरा : जहां एक ओर पेड़ लगाने और जंगलों को बचाने के नारे से वन संरक्षण का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर माफिया जंगल को साफ करने में जुटे हैं। रातों-रात हरे पेड़ों को धराशाई कर ट्रैक्टर से सैकड़ों क्विंटल लकड़ी ले जा रहे हैं। खास यह कि जानकारी के बाद भी न तो वन विभाग और न ही थाना पुलिस कोई कदम उठाती दिख रही है। जिससे जंगल साफ होते जा रहे हैं।
माधौगढ़ तहसील क्षेत्र के ग्राम गोपालपुरा व करमरा के जंगलों में बड़ी संख्या में बबूल के पेड़ हैं। काफी पुराने हो चुके पेड़ों पर वन विभाग की अनदेखी से आरी चलाई जा रही है। जंगल के सैकड़ों पेड़ों को माफिया काटकर ले गए हैं। हालत यह है कि मिलीभगत से हो रही कटान के बाद लकड़ी मध्य प्रदेश के भिड जिले में भेजी जा रही है। रोजाना सैकड़ों क्विंटल लकड़ी लोडर व ट्रैक्टर में भरकर मध्य प्रदेश के साथ जिले की कई आरा मशीनों पर भेज दी जाती है। पेड़ लगाओ धरा बचाओ का नारा हुआ फेल
सरकार जुलाई व अगस्त माह में हर वर्ष लाखों पौधों को रोपित करवाती है। इनके संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान भी चलाती है। इससे प्रदूषण कम हो सके। पेड़ लगाओ धरा बचाओ के नारों के साथ गोष्ठियों का आयोजन भी होता है। इसके लिए लाखों रुपये का बजट खपा दिया जाता है। सर्दी आते ही सक्रिय हो जाते लकड़ी माफिया
इस समय सर्दी का मौसम शुरू हो गया और सूखी लकड़ी के साथ कोयला के दामों में इजाफा होने लगा है। सर्दी के मौसम में लकड़ी महंगे दामों पर बेची जाती है इसलिए लकड़ी माफिया पहले से बबूल की लकड़ी को काटने में जुट जाते हैं और एक दो सप्ताह में लड़की सूखने पर इसे महंगे दामों पर बेचते हैं। मामला संज्ञान में नहीं था। अगर जंगल में पेड़ों की कटान हो रही है तो जांच कराई जाएगी। वन विभाग के अधिकारियों को लकड़ी माफिया पर कार्रवाई के लिए कहा गया है।
शालिकराम, एसडीएम