सीवर लाइन दुरुस्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा पर कार्रवाई शून्य
संवाद सहयोगी कोंच सीवर लाइन के चोक होने के कारण नगर में बढ़ रही गंदगी से प्रशासन बेपरवाह बना हुआ है। आम नागरिक सड़कों पर बह गंदगी से परेशान हैं। कई लोगों के घरों के शौचालय भी भरे पड़े हैं लेकिन कोई कारगर कदम अब तक जिम्मेदारों ने नही उठाए हैं।
संवाद सहयोगी, कोंच : सीवर लाइन के चोक होने के कारण नगर में बढ़ रही गंदगी से प्रशासन बेपरवाह बना हुआ है। आम नागरिक सड़कों पर बह गंदगी से परेशान हैं। कई लोगों के घरों के शौचालय भी भरे पड़े हैं, लेकिन कोई कारगर कदम अब तक जिम्मेदारों ने नही उठाए हैं।
नगर में सीवर लाइन के रखरखाव की जिम्मेदारी जल संस्थान की है, उसके अभियंताओं ने धनराशि एवं संसाधन न होने की बात कहकर पूरी सीवर लाइन के दुरुस्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजकर शांत बैठ चुका है। हालांकि शिकायतें आने पर अवर अभियंता प्रशांत त्रिपाठी ने जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए सीवर सफाई एवं सीवेज पंपिग स्टेशन की बंद पड़ी मोटर को बदलवाने के लिए जल संस्थान ने नगर पालिका से 38 लाख रुपये मांगे थे। जिसे नगर पालिका ने देना भी स्वीकार कर लिया था और पालिका बोर्ड की जनवरी माह में हुई बैठक में धनराशि स्वीकृत कर दी गयी थी। अभी तक जल संस्थान को धनराशि नहीं मिल पाई। जल संस्थान को धनराशि दिलाने के लिए नगर पालिका के शासन से पांच मनोनीत सभासदों ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन एसडीएम अशोक कुमार के माध्यम से पहुंचाया था लेकिन फिर भी कोई कारगर कार्रवाई 38 लाख की धनराशि देने की बावत नहीं हो पाई। जिसका परिणाम यह हो रहा है कि पैसे के अभाव में जल संस्थान के अभियंता कोई भी कार्य सीवर लाइन से संबंधित नहीं करा पा रहे हैं। सीवेज पंपिग स्टेशन बंद पड़ा है। नगर के अधिकांश इलाकों में सीवर चेंबरों से गंदगी ओवर फ्लो हो रही है। नगर स्थित बुंदेलखंड की सबसे बड़ी सीवर लाइन का वर्तमान में कोई भी पुरसाहाल दिखाई नहीं दे रहा है। कोट
जल संस्थान के भेजे गए प्रस्ताव पर 38 लाख रुपये बोर्ड बैठक में पहले ही स्वीकृत हो चुके हैं। जिसकी फाइल जिलाधिकारी को भेज दी गई है। जल्द ही सीवर का कार्य जल संस्थान के माध्यम से कराया जाएगा।
अशोक कुमार, प्रभारी ईओ-एसडीएम