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नियमों को ठेंगा दिखा यमुना नदी में गरज रहीं पोकलैंड मशीनें

दृश्य एक छोटी भेड़ी

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 04:02 AM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 04:02 AM (IST)
नियमों को ठेंगा दिखा यमुना नदी में गरज रहीं पोकलैंड मशीनें
नियमों को ठेंगा दिखा यमुना नदी में गरज रहीं पोकलैंड मशीनें

नियमों को ठेंगा दिखा यमुना नदी में गरज रहीं पोकलैंड मशीनें

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दृश्य एक :

छोटी भेड़ी खंड संख्या तीन में एक पोकलैंड मशीन से खुदाई कर कुआंनुमा गड्ढा बना लिया गया है। खुदाई इस कदर की गई है कि नीचे से पानी निकल आया है फिर भी मौरंग का अवैध खनन जारी है। गड्ढे में दूसरी मशीन कुएं के बीचों बीच लगी है।

दृश्य दो :

भेड़ी खंड संख्या तीन पर मौरंग का अवैध खनन जारी है। एनजीटी न्यायालय व सरकार के सभी मानक व निर्देश पूरी तरह दरकिनार किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन भी अवैध खनन रोकने में नाकाम है। सत्ताधारी नेता भी मौरंग खदान पर मौन स्वीकृति दे चुके हैं।

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जागरण संवाददाता, उरई : नियम कानून मानक को दरकिनार कर छोटी भेड़ी मौरंग खदान में मौरंग निकालने के दौरान नीचे तक गहरी खोदाई करने से पानी निकल आया है। इसकी गहराई कितनी है यह देखने से अंदाजा लगता कि यह कितना खतरनाक साबित हो सकता है। मौरंग माफिया के इस कृत्य से भविष्य में नदी के लिए यह खतरनाक स्थिति है। इससे धारा के मुड़ने का अंदेशा है। क्षेत्र के कदौरा ब्लाक में छोटी भेड़ी खंड संख्या तीन में पोकलैंड मशीनों से बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है। जमीन में लगभग 50 फीट की गहराई से अधिक तक पोकलैंड मशीनों से मौरंग का अवैध खनन हो रहा है। प्रशासन का खनन माफिया पर कोई जोर नहीं है। निर्धारित पट्टे से अतिरिक्त अन्य जगहों पर मौरंग का खनन हो रहा है। उधर ग्रामीणों ने बताया कि मौरंग माफिया उनके खेतों को जाने वाले रास्ते को भी ध्वस्त कर दिया है। इससे वह खेतों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। एडीएम पूनम निगम ने घाटों पर चलने वाले अवैध खनन को रोके जाने के लिए नियमित कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि गठित की गई समिति खदानों पर लगातार निगरानी कर रही है।

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सीज होने के बाद चलीं मशीनें

एडीएम पूनम निगम ने कहटा घाट पर छापा मारा था। जिसमें पांच पोकलैंड मशीनें सीज की थीं। प्रशासन के जाते ही उन्हीं मशीनों के रात के समय फिर लोडिंग की गई और सुबह के वक्त उन्हें जहां के तहां खड़ा करा दिया गया है। यह खेल रोजाना चल रहा है। क्योंकि यह मशीनें जहां पर चल रहीं थीं उसी घाट संचालक के सिपुर्द कर दी गईं, जिससे घाट संचालक इनका जमकर लाभ ले रहा है।


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