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पांच सौ साल बाद आया मौका, घर-घर जलेंगे दीपक

राम मंदिर के निर्माण से दिबंगत कार्यसेवक के घर मे

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 11:37 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 07:25 AM (IST)
पांच सौ साल बाद आया मौका, घर-घर जलेंगे दीपक
पांच सौ साल बाद आया मौका, घर-घर जलेंगे दीपक

जागरण संवाददाता, उरई : पांच सौ वर्षों बाद ऐसा मौका आया है। रामलला विराजमान होने जा रहे हैं। आमजन के साथ भाजपा कार्यकर्ता बहुत उत्साहित हैं। लोगों के घर-घर संपर्क कर दीपोत्सव मनाने का आह्वान किया जा रहा है। सबके अपने-अपने विचार हैं और तैयारियों में जुटे हैं।

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-- पांच सौ वर्ष पुराना सपना पूरा होने जा रहा है और अयोध्या में रामलला विराजमान होने जा रहे हैं। इसकी खुशी में कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने लोगों से संपर्क किया है। अपील की है कि घर पर रहकर हवन पूजन भजन आदि कर दीपक जलाकर दीपावली जैसी खुशी जाहिर करें।

गजेंद्र सिंह राजपूत, मंडल अध्यक्ष, ईंटों

जनता जनार्दन से अपील की गई है कि रामजन्म भूमि का शिलान्यास हो रहा है। सभी लोग अपने-अपने घरों में दीपावली उत्सव मनाएं। परिवार के साथ दीपक जलाएं। रामलला के विराजमान का मौका आया है और आस्था की जीत हुई है।

शत्रुघ्न सिंह राममंदिर निर्माण की खुशी मन में समा नहीं रही है। इसको लेकर पंचनदा के मंदिर पर 28 जुलाई से ही धार्मिक आयोजन शुरू करा दिया है। समापन भी बुधवार को होगा। मंदिर निर्माण को लेकर चारों तरफ लोग बहुत खुश हैं।

महंत सुमेर वन माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार अयोध्या में राममंदिर की आधारशिला रखी जा रही है। इसका स्वागत करता हूं। हजारों लोगों के बलिदान के बाद यह शुभ दिन आया है हम सभी लोग स्वागत करते हैं। लोग घर-घर भजन कीर्तन व दीप जलाकर इस पर्व को मनाएं।

डॉ. अरुण सिंह जादौन चिकित्साधिकारी

शिलान्यास को लेकर इलाके में खुशी का माहौल है। शुभ घड़ी पर घर-घर मे थाली, झालर बजाकर तथा रात में दीपक जलाकर ऐतिहासिक पर्व को गर्व से मनाया जाएगा।

प्रमोद कठेरिया, भाजपा मंडल अध्यक्ष, रामपुरा ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्होंने यह सपना देखा था, आज वह हमारे बीच नहीं हैं। उनकी आत्मा को शांति अवश्य मिल रही होगी। हमें यह दिन देखना था। पांच साल पहले आकाशीय बिजली गिरने से मैं बाल-बाल बचा था। अब प्रभु राम की कृपा से कल दीपावली मनाई जाएगी।

रामप्रकाश निषाद राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान हम कम उम्र के थे लेकिन लोगों को जागरूक किया था। यहां से कार सेवकों का जत्था निकला तो मैं भी उन लोगों के साथ निकल पड़ा। कुठौंद से दो किमी आगे निकल पाया था तो पुलिस ने रोक लिया और दिन भर थाने में बैठाकर जबरन यह लिखवाया कि तुम लोग कहीं नहीं जाओगे।

कुलदीप मिश्रा

30 वर्ष की कानूनी लड़ाई के बाद यह शुभ दिन देखने को मिला है। लोगों की आस्था व विश्वास के आधार प्रभु श्रीराम का मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है। मंदिर में दीप जलाकर खुशियां मनाई जाएंगी तथा भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाएगा।

पीयूष महंत मुरली मनोहर मंदिर, जालौन भगवान श्रीराम के मंदिर में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने तथा मंदिर के शीघ्र निर्माण के लिए बुधवार को मंदिर में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए विशेष पूजा होगी तथा सायं के समय दीपोत्सव मनाया जाएगा।

कमलेश पुजारी, श्रीवीर बालाजी मंदिर, जालौन धर्म नगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम के बनने जा रहे भव्य मंदिर के पूजन का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे तन मन प्रफुल्लित हो रहा है। 30 वर्ष बाद यह शुभ घड़ी आई है। हमारे मंदिर के संरक्षक महंत नृत्य गोपाल दास की इसमें अहम भूमिका रही। यह हम लोगों के लिए गर्व की बात है। हमारे संत के कुशल मार्गदर्शन में भव्य मंदिर बनेगा जो देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी छटा बिखेरेगा।

महंत रामदासजी, नाना महाराज मंदिर, जालौन जब से सुना है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण होने जा रहा है तब से भक्ति हिलोरे ले रही है। इस मौके को पर्व के रूप मनाने के लिए लोगों को बुधवार के दिन घर में कम से कम 5-5 दीपक या मोमबत्ती जलाने के लिए कह रहे हैं। लोग भी स्वत: भी दीपक जलाने के लिए तैयार कर रहे हैं। गांव के मंदिरों में भी दीपोत्सव मनाया जाएगा।

ऋषि श्रीवास्तव, मंडल महामंत्री, जालौन राम मंदिर के निर्माण की तिथि जब से घोषित हुई है और जिस समय भगवान राम की स्थली का पूजन किया जाएगा, वह समय जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होगा। अपने घर में दीपक जलाकर दीवाली मनाएंगे। उसके बाद वह मंडल के सभी पदाधिकारियों और जनता से भी निवेदन करेंगे कि कल अपने घरों में दीपक जलाकर दीवाली मनाएं।

कल्याण सिंह, मंडल उपाध्यक्ष इटौरा

1992 को आटा से अयोध्या के लिए रवाना हुए। उरई पहुंचे, जिस ट्रेन से जाना था वह किसी कारण वश छूट गई। इसके बाद काफी इंतजार करने के बाद दूसरी ट्रेन से कानपुर और उसके बाद फैजाबाद पहुंचे। फैजाबाद पहुंचने के बाद पैदल यात्रा करनी पड़ी। अयोध्या रात में तीन बजे पहुंचे। सरयू नदी में स्नान किया इसके बाद एक मंदिर में शरण ली थी। वह दिन आज फिर याद आ गए।

मनीष अवस्थी अयोध्या में कारसेवकों का हुजूम था। बड़े नेता संबोधित कर रहे थे, चारों तरफ राम नाम की गूंज सुनाई दे रही थी। शिलान्यास हम सबके लिए बहुत बड़ा दिन है। इतना बड़ा सपना पूरा हो रहा कि खुशी समा नहीं रही है। उस समय मिले कष्ट याद ही नहीं रहे, पर यह खुशी जीवन भर नहीं भूलेगी।

राजेश तिवारी, आटा


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