मतदान की वेदी पर होगा 'बुढ़ापे का वसंत'
जासं उरई सुनने में एक बार भी विश्वास नहीं होता लेकिन यह सच है। चुनाव आयोग की मतदाता स
जासं, उरई : सुनने में एक बार भी विश्वास नहीं होता, लेकिन यह सच है। चुनाव आयोग की मतदाता सूची में जिले के 412 बुजुर्ग ऐसे हैं, जिन्होंने सौ बसंत पार कर लिया है। वहीं 80 वर्ष से ऊपर के 31127 मतदाता हैं। शायद ही कोई ऐसा चुनाव हो जिसमें उनकी भागीदारी न हो। राजनीति का हर दौर देख चुके ये लोग इस बार भी चुनावी महासंग्राम में अपने वोट का प्रयोग करेंगे।
जिले में 90 से 99 वर्ष के 4,908 वोटर है। इस श्रेणी में माधौगढ़ विधानसभा अव्वल है। यहां के 1903 वोटर ऐसे हैं, जो वोट डालकर दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनते हैं। वहीं दूसरे नंबर पर कालपी है, जहां 1540 है। इसके बाद तीसरे नंबर पर उरई विधानसभा 1465 मतदाता है। या ऐसा कह सकते है कि 80 प्लस चुनावी की धारा को हवा देने का काम करेंगे। इनमें अधिकतर गांव क्षेत्र के हैं। ऐसे सुर में अगर अपनी ताकत दिखा दें तो चुनाव का माहौल ही बदल सकता है।
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100 पार कर चुके मतदाता :
विधानसभा - मतदाता
219 माधौगढ़, 126
220 कालपी, 146
221 उरई, 140
कुल 412
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शतक बनाने की कतार में खड़े मतदाता
विधानसभा - 90-99
माधौगढ़, 1903
कालपी, 1540
उरई, 1465
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मतदाता आजादी के बाद से लगातार डाल रहे वोट :
31 हजार 127 मतदाता ऐसे हैं, जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक की है। इस वर्ग के लोग चुनाव की अच्छी परख रखते हैं। जिदगी में कई बार उतार चढ़ाव को देखा होगा है। 20 फरवरी को होने वाले चुनाव में अपनी भागीदारी कर जमी से फलक तक उठाने का काम करेंगे।
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कालपी में सबसे ज्यादा अनुभवी वोटर :
जनपद की तीन विधानसभाओं में सबसे ज्यादा 100 साल से अधिक आयु के मतदाता कालपी विधानसभा में हैं। इनकी संख्या 146 है। दूसरा नंबर पर उरई का जहां 140 वोटर है। तीसरे स्थान पर माधौगढ़ विधानसभा है। यहां पर 126 वोटर ऐसे हैं, जो आजादी के बाद से लगातार वोट डालते आ रहे हैं।