डैशबोर्ड एप से ढाई लाख विद्युत उपभोक्ताओं पर 'निगहबानी'
जागरण विशेष फोटो संख्या 2 और 3 - बिजली चोरी पर भी रहेगी नकेल - उपभोक्ताओं से ले
जागरण विशेष :
फोटो संख्या : 2 और 3 - बिजली चोरी पर भी रहेगी नकेल
- उपभोक्ताओं से लेकर कर्मचारियों पर बैठा पहरा
शिवम सिंह,उरई : आंकड़ों में फेरबदल करने वाले बिजलीकर्मियों पर अब डैशबोर्ड एप से निगरानी होगी। इसमें बिजली उपभोक्ताओं के विवरण से लेकर बिजली कर्मियों के काम की भी जानकारी उपलब्ध होगी। उपभोक्ताओं पर की गई कार्रवाई की सूचना, विभाग को देगा। यह व्यवस्था प्रदेश के सभी जिलों में लागू कर दी गई है। जालौन जिले में 2 लाख 37 हजार 905 उपभोक्ताओं के साथ- साथ विद्युत कर्मचारियों पर भी एप के जरिए निगहबानी की जायेगी।
उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड ने सभी जिलों में सब स्टेशन डैश बोर्ड तैयार किया है। यह फीडर पर तैनात अवर अभियंता (जेई) तक के मोबाइल या कंप्यूटर में उपलब्ध रहेगा। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड बिजली कर्मियों ने इसका प्रयोग भी शुरू कर दिया है।जालौन में इस एप पर काम तेजी से शुरु हो चुका है। एप के माध्यम से फीडर के नोडल अधिकारी यानी जेई पूरा विवरण दर्ज करके रखेंगे। क्षेत्र के बड़े बकाएदार से वसूली का हाल, उन पर कार्रवाई, फीडर लोड, लाइन लास आदि का विवरण होगा। उच्चाधिकारियों द्वारा समीक्षा की जाएगी। इसमें बिजली कटौती का भी विवरण होगा।
-------------------------
यह है डैशबोर्ड
यह सब स्टेशन डैशबोर्ड एक साफ्टवेयर की भांति काम करेगा। यह प्रत्येक अवर अभियंता, एसडीओ, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता के मोबाइल या कंप्यूटर में उपलब्ध होगा। जो अपनी आइडी और पासवर्ड से लॉग इन करेंगे। इसमें उपखंड के बिजली उपभोक्ताओं की संख्या, बिजली बिल, बकाया की स्थिति, फीडर पर बिजली का भार आदि का विवरण होगा।
-------------------
स्टेशन, खंड, उपभोक्ता :
एलएमबी 1, 217140
एलएमबी 2, 8188
एलएमबी 3, 6
एलएमबी 4, 1572
एलएमबी 5, 9261
एलएमबी 6, 875
एलएमबी 7, 133
एलएमबी 8, 692
एचबी 1, 13
एचबी 2, 25
------------------------
किसी भी कर्मचारी द्वारा की जा रही घोखाधड़ी को रोकने के लिए एप का निर्माण करा दिया गया है। जिससे भ्रष्टाचार को रोकने में काफी आसानी होने लगेगी।
विनोद सिंह, अधीक्षण अभियंता
------------
इस एप को कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के मोबाइल व कंप्यूटर में अपलोड कराने के काम शुरू कर दिया गया है। इससे काफी बेहतर परिणाम मिलने लगेगा।
सुभाष चंद्र सचान, अधिशासी अभियंता