सीता हरण के बाद हुआ मारीच युद्ध
संवाद सहयोगी कोंच रामलीला की दूसरी चलायमान सीता हरण एवं मारीच वध लीला नगर के मोहल्ला भ
संवाद सहयोगी, कोंच : रामलीला की दूसरी चलायमान सीता हरण एवं मारीच वध लीला नगर के मोहल्ला भगतसिंह नगर में जलकल कार्यालय के पास एक मैदान पर मेले के रूप में संपन्न हुई।
धर्मादा रक्षिणी सभा द्वारा संचालित रामलीला की मेले के रूप में आयोजित हुई सीता हरण मारीच वध लीला के लिए मैदान पर पंचवटी बनाई गई। जिसमें श्रीराम सीता और लक्ष्मण बैठे हुए हैं तभी सीता की नजर सामने घूम रहे एक पीले हिरन पर पड़ती है। वह राम से हिरन को पकड़ने के लिए कहती हैं श्रीराम तुरंत पीछे जाते हैं जब कुछ देर तक वह नहीं लौटते तब लक्ष्मण राम की खोज के लिए निकलते हैं। वह जाने से पूर्व एक रेखा खींच जाते हैं तभी साधु का भेष रखकर रावण वहां पहुचंता है और सीता का हरण करके ले जाता है। रास्ते में जटायु और रावण का युद्ध होता है जिसमें जटायु मारा जाता है। मैदान पर रामलीला के कलाकारों द्वारा खेली गई इस लीला में जटायु और हिरन के पुतले बनाये गये थे। जिन्हें लोग मैदान पर दौड़ा रहे थे वहीं सूर्पनखा की नाक काटने की रस्म भी अदा की गई। हालांकि कोरोना संकट पर लगी पाबंदियों को देखते हुये इस बार पुतलों की ऊंचाई कम रखी गयी थी। भीड़ बढ़ने की आशंका को देखते हुये लीला निर्धारित समय से पूर्व ही पूरी कर ली गयी। मैदान में हो रही लीला को देखते हुये एसडीएम अशोक कुमार, नायब तहसीलदार संजय कुमार, प्रभारी निरीक्षक इमरान खान, उदय भान गौतम, धर्मेंद्र कठेरिया, मदन पाल, संजीव कटियार आदि मौजूद रहे।