झांसी रोड पर शव रखकर लगाया जाम, हंगामा
एडीएम बोले डीएम ने मजिस्ट्रेटी जांच के दिए हैं आ
जागरण संवाददाता, उरई : शनिवार शाम को स्वजन ने युवती का अंतिम संस्कार करने से हाथ खड़े कर दारोगा व सिपाहियों के निलंबन की मांग को लेकर उरई-झांसी बाईपास जाम कर दिया। डेढ़ घंटे तक जाम से दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गई। बाद में एडीएम व एएसपी के मजिस्ट्रेटी जांच व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का लिखित आश्वासन देने पर अंतिम संस्कार किया।
शुक्रवार रात पर्स चोरी के आरोप में हिरासत में ली गई युवती के शनिवार सुबह जान देने की घटना के बाद शाम को भड़के स्वजन सड़क पर उतर आए। पोस्टमार्टम के बाद मोक्षधाम के सामने उरई-झांसी बाईपास रोड पर शव रखकर पड़ोसियों के साथ सड़क पर बैठ गए। अंतिम संस्कार करने से इन्कार करने पर पुलिस व प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। स्वजन ने कहा कि पहले उनकी बेटी से छेड़खानी करने वाले समुदाय विशेष के चार युवकों को गिरफ्तार किया जाए। साथ में हिरासत में लेने वाले दारोगा व सिपाहियों को निलंबित करें। हालात बिगड़ते देख सीओ सिटी की सूचना पर एडीएम प्रमिल कुमार, एएसपी डा. अवधेश सिंह समेत जिले के सभी सीओ, 11 थानों के एसओ व फोर्स पहुंच गया। एडीएम के युवती की मां से बात करके मजिस्ट्रेटी जांच कराने व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देने पर रात आठ बजे शव का अंतिम संस्कार होने पर माहौल शांत हुआ। कोतवाली का भी घेराव, दारोगा व चार युवकों के खिलाफ तहरीर
इससे पहले नीशू के पिता कल्लू अहिरवार व मां लोंगन देवी के साथ मोहल्ले वालों ने शाम तीन बजे कोतवाली का भी घेराव किया। मां लोंगन देवी ने आरोप लगाया कि चार युवकों के कहने पर दारोगा योगेश पाठक ने बेटी को पकड़कर पीटा व उसे बेइज्जत किया। चांद मोबाइल नाम की दुकान के पास चारों लड़के उसे मिले थे। उसकी बेटी की फोटो खींचकर परेशान कर रहे थे। इसी बीच किसी ने फोन कर कोतवाली पुलिस को बुलाया था। कमरे में बंदकर पीटा : पिता
पिता ने आरोप लगाया कि बेटी पर चोरी का इल्जाम लगाकर उसे कमरे में बंद कर पीटा गया। हिरासत के बाद बेटी से पूरे दिन वह मिल नहीं सके। हालांकि चार युवकों के नाम प्रार्थना पत्र में पिता ने नहीं लिखे हैं। दारोगा का नाम लिखकर आरोप लगाए हैं। चोरी के शक में की पूछताछ, सामान न मिलने पर छोड़ा : दारोगा
वहीं, मारपीट के आरोपित दारोगा योगेश पाठक ने कहा कि कुछ दिन से सब्जी मंडी इलाके में खरीदारी करने आने वाली महिलाओं के पर्स चुराने की शिकायतें मिल रही थीं। शुक्रवार को नीशू अहिरवार के मोबाइल की दुकान पर पहुंचने पर व्यापारियों ने उसे पहचानने का दावा किया था। इसी वजह से उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। चोरी का कोई सामान बरामद नहीं होने पर रात में ही स्वजन को बुलाकर नीशू को उनकी सुपुर्दगी में दे दिया था।