सरसों में माहू का प्रकोप, किसान चिंतित
संवाद सूत्र, महेबा : रबी की सरसों की फसल इस समय फूल और फली पर है। मौसम में बदलाव होने क
संवाद सूत्र, महेबा : रबी की सरसों की फसल इस समय फूल और फली पर है। मौसम में बदलाव होने की वजह से फसल में बेतहाशा माहू का प्रकोप बढ़ गया है। जिससे किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें पड़ गई हैं। फसल लहलहा रही है लेकिन पैदावार घटने की आशंका ने अन्नदाताओं को परेशान कर दिया है।
बुंदेलखंड के किसान पैदावार को लेकर कई वर्षों से विभिन्न आपदाओं के कारण घाटे में हैं। इस वर्ष रबी की फसल में किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद थी। वजह, माघ के माह में कई बार हल्की-फुल्की बूंदाबांदी से मुरझा रही फसल को लाभ मिला था। बारिश की बूंदों से खेतों में खड़ी फसल लहलहाने लगी। किसानों ने बताया कि पिछले चार दिनों से आसमान पर बादल छाए रहने के कारण मौसम में बदलाव हुआ है, जिससे सरसों की फसल में दिन पर दिन माहू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से फूल रही सरसों पर माहू कीट का घातक प्रभाव पड़ रहा है। नियामतपुर के प्रगतिशील किसान बुद्ध¨सह यादव ने बताया कि तेजी से माहू कीट बढ़ रहा है। इससे फसल की पैदावार घटेगी। किसानों के सामने बड़ी समस्या यह है क्योंकि इस कीट को नष्ट करने के लिए अगर दवा का छिड़काव करें तो दूसरे खेतों से पुन: कीटों के प्रकोप का भय बना रहता है। कृषि वैज्ञानिक की राय
सरसों की फसल के लिए माहू सबसे घातक कीट है। यह फूल रही सरसों के फूलों को नष्ट कर देते हैं तथा मसूर पर भी इसका प्रकोप होता है। बचाव के लिए डाईमैथोएट 150 लीटर पानी में 400 एमएल मिलाकर एक एकड़ में छिड़काव करें। -डॉ. राजीव कुमार ¨सह, कृषि विशेषज्ञ