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सड़कों पर दौड़ रहे अवैध वाहन, कैसे थमें हादसे

जिले में सड़क हादसों का ग्राफ साल दर साल बढ़ता जा रहा है। यह

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 11:38 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 11:38 PM (IST)
सड़कों पर दौड़ रहे अवैध वाहन, कैसे थमें हादसे
सड़कों पर दौड़ रहे अवैध वाहन, कैसे थमें हादसे

जागरण संवाददाता, उरई : जिले में सड़क हादसों का ग्राफ साल दर साल बढ़ता जा रहा है। यह स्थिति तब है जब निरंतर सुरक्षित यातायात को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा। दरअसल हादसों की वजह चालकों की लापरवाही तो है ही एक बड़ी वजह सड़कों पर अवैध वाहनों का संचालन भी है। तीन साल के भीतर हुए सड़क हादसों में 643 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ज्यादातर हादसे डग्गामार व बिना फिटनेस के वाहनों से हुए हैं।

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जानकार हैरानी होगी कि उरई से कदौरा, कालपी, कोटरा, कोंच, नदीगांव यहां तक कि कानपुर व झांसी सवारियां ढोने के लिए जिले चार सौ से अधिक जीपें संचालित हो रहीं हैं, लेकिन एक भी वाहन का परिवहन विभाग में किसी भी रूट पर सवारियां ढोने का परमिट नहीं है, फिटनेस की उम्मीद क्या करें जीपों का रजिस्ट्रेशन तक खत्म हो गया ह।जाहिर है कि सभी वाहन डग्गामारी में संचालित हो रहे हैं। यदि डग्गामार वाहनों को सड़कों से हटा दिया जाए तो निश्चित तौर पर हादसों में कमी आ सकती है। डग्गामारी पर सख्ती से अंकुश लगाने की आवश्यकता है। जीपे ही नहीं करीब 25 बसें एवं 100 से अधिक ट्र क बिना फिटनेस के सड़क पर चल रहे हैं। नियामानुसार वाहन सड़क पर चलने लायक है कि नहीं हर साल परिवहन विभाग को यह सत्यापित करना चाहिए, लेकिन सब कुछ फाइलों में ही संचालित हो रहा है।

जुगाड़ से तैयार वाहन और बढ़ा रहे मुसीबत

जिला मुख्यालय उरई के अलावा कोंच, कालपी, जालौन में माल ढुलाई के लिए जुगाड़ के वाहन संचालित हो रहे हैं। पुरानी मोटरसाइकिल, स्कूटर व पंप सैट के इंजन लगाकर माल ढुलाई में इस्तेमाल ठेला गाड़ी तैयार कर ली जाती हैं, हादसों के खतरे से बेपरवाह असुरक्षित तरीके से इन वाहनों से माल की ढुलाई की जाती है, जिससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित होती है, हादसों का डर तो बना ही रहता है।

चारों तरफ डग्गामार वाहनों की अराजकता

डग्गामार व खटारा वाहनों की वजह से हादसों का खतरा तो बना ही रहता है, राजस्व को भी चोट पहुंच रही है। बिना परमिट के साढ़े चार सौ से अधिक डग्गामार जीपें सवारियां ढो रही हैं। कानपुर, झांसी व हमीरपुर तक डग्गामार जीपें सवारियां को ढो रही हैं, जिसकी वजह से रोडवेज बसें को सवारियां नहीं मिल रहीं और डिपो को घाटा झेलना पड़ रहा है।

साल भर में तीन सौ वाहनों का चालान

एआरटीओ प्रशासन मनोज कुमार सिंह का कहना है कि डग्गामार वाहनों के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। एक साल के भीतर करीब तीन सौ वाहनों का चालान किया गया है, व्यवसायिक वाहनों का दो साल के अतर पर फिटनेस जांच कराने का प्रावधान है। जबकि निजी उपयोग में इस्तेमाल कारों का 15 साल के बाद रजिस्ट्रेशन अवैध हो जाता है। फिटनेस जांच के बाद उनका फिर से पंजीयन किया जाता है। अभियान चलाकर डग्गामार वाहन संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए पंजीकृत वाहन

बस- -203

स्कूल बस - -378

टेंपो -3129

गुड्स कैरियर - 5439 तीन साल में हुए हादसे -1194

तीन साल में मृत हुए लोग -643


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