दम तोड़ रहे सरकारी नलकूप, सिचाई के लिए परेशान किसान
जागरण संवाददाता उरई जिले में खेती का बहुत बड़ा क्षेत्रफल सिचाई के लिए सरकारी नलकूपों
जागरण संवाददाता, उरई : जिले में खेती का बहुत बड़ा क्षेत्रफल सिचाई के लिए सरकारी नलकूपों पर निर्भर है, लेकिन जलस्तर गिरने से तमाम सरकारी नलकूप दम तोड़ने लगे हैं। हालांकि विभाग का दावा है कि पिछले साल केवल दो सरकारी नलकूप री-बोर की स्थिति में थे, जिनका री-बोर करा दिया गया है।
जिले में सरकारी नलकूपों की कुल संख्या 680 है जबकि कृषि योग्य भूमि साढ़े चार लाख हेक्टेयर है। सरकारी नलकूपों से महज 20 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सिचित हो सकती है, जब सभी नलकूप दुरुस्त स्थिति में हों। सरकारी नलकूपों की संख्या सीमित होने की वजह से संपन्न किसानों ने तो निजी नलकूप लगवा लिए हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर किसान सरकारी साधन पर ही निर्भर है। निरंतर जल स्तर में गिरावट की वजह से सरकारी नलकूप दम तोड़ने लगे हैं। इस वजह से किसान परेशान हैं। कदौरा, कोंच व डकोर क्षेत्र में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। सिचाई की समस्या को देखते हुए दस नये नलकूप लगाने का प्रस्ताव शासन में भेजा गया था, लेकिन सिर्फ दो नलकूप ही पिछले साल नये लगे हैं। जबकि जबकि दो नलकूपों की रीबोर कराया गया है।
सिरसा कलार का नलकूप खोल रहा विभाग की पोल
नलकूप विभाग का दावा है कि वर्तमान कोई भी नलकूप खराब नहीं है, लेकिन सिरसा कलार में स्थित नलकूप संख्या 76 की विभाग के दावे की पोल खोल रहा है। दो साल से नलकूप ठप है। जिसकी वजह से किसान अपने फसल में सिचाई नहीं कर पाते हैं। निजी नलकूप भी आसपास नहीं होने की वजह से कोई विकल्प भी उन्हें नजर नहीं आता है।
बोले किसान
कई बार नलकूप विभाग में नलकूप सही कराने के लिए गुजारिश कर चुके हैं, लेकिन किसानों की समस्याओं के प्रति विभाग गंभीर नहीं है।
विनोद सिंह
कभी भी नलकूप ठीक स्थिति में नहीं रहा है। विभाग जानबूझकर उसे सही नहीं करा रहा। जिस वजह से किसान बेहद परेशान हैं।
वलेंद्र सिंह
नलकूप का रीबोर कराने का भरोसा कई बार विभाग दे चुका है लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया।
लल्ला सिंह
ज्यादातर सरकारी नलकूप सिचाई के समय ही कहीं विद्युत दोष तो कहीं यांत्रिक दोष से ठप हो जाते हैं। इससे खेती प्रभावित हो रही है।
सुरेश कठिरया
बोले जिम्मेदार
नलकूप विभाग के अधिशासी अभियंता हरदेव प्रसाद यादव का कहना है कि वर्तमान में दो नलकूप रीबोर के लिए प्रस्तावित हैं। इसके अलावा सभी नलकूप चल रहे हैं।