अग्निशमन की जगह बन गया कूड़े का डंपिग ग्राउंड
संवाद सहयोगी माधौगढ़ ढाई दशक गुजर जाने के बाद भी क्षेत्र में अग्निशमन केंद्र का भवन नहीं बन सका। हर साल अधिकारियों की लालीपॉप में साल गुजर जाता है। वर्ष 1995 में सृजित नई तहसील माधौगढ़ जो कि आज भी कई मायनों में पिछड़ी नजर आ रही है।
संवाद सहयोगी, माधौगढ़ : ढाई दशक गुजर जाने के बाद भी क्षेत्र में अग्निशमन केंद्र का भवन नहीं बन सका। हर साल अधिकारियों की लालीपॉप में साल गुजर जाता है।
वर्ष 1995 में सृजित नई तहसील माधौगढ़ जो कि आज भी कई मायनों में पिछड़ी नजर आ रही है। तकरीबन 274 गांवों के विकास का सपना संजोए तहसील आज भी 20सों साल पहले की तरह ही बनी हुई है। माधौगढ़ में वर्ष 1995 में ही एक एकड़ जमीन तत्कालीन एसडीएम द्वारा फायर बिग्रेड की स्थापना हेतु स्वीकृति कर दी गई थी।पूरे 25 साल गुजर जाने के बाद भी फायर बिग्रेड की स्थापना नहीं हो सकी है। स्वीकृति की जगह पर अग्निशमन विभाग ने एक साइनबोर्ड लगवाकर इतिश्री कर ली थी। आज वो साइनबोर्ड भी गायब है। जो जगह फायर ब्रिगेड के लिए चिह्नित की गई थी उस जगह अग्निशमन केंद्र तो नहीं बन सका हां इतना जरूर कि नगर पंचायत द्वारा उस जगह पर कूड़ा डलवाना जरूर शुरू कर दिया है। फायर ब्रिगेड उरई में है स्थित
तहसील से 50 किमी तथा अन्य गांवों से 65 से 70 किमी की दूरी पर जनपद मुख्यालय पर फायरब्रिगेड है जो क्षेत्र में आग की कोई घटना हो जाने पर जब तक फायर ब्रिगेड आती है तब तक यहां सब कुछ खाक हो जाता है। गर्मी की शुरुआत होते ही तहसील स्तर पर फायर ब्रिगेड की जगह एक फ्लोट पंप जरूर भेज दिया जाता है जो कि इतने बड़े क्षेत्र के लिए नाकाफी साबित होता है। हर साल अग्निकांड से हो जाती है लाखो की क्षति
चाहे गर्मी हो या हो सर्दी जब आग की कोई घटना होती है तो कोई बचाव का साधन न मिलने से पूरे क्षेत्र में घर,मकान, बाड़ा फसल या अन्य कोई घटना में लाखों की क्षति हो जाती है। वर्ष 2020 में हुई आग की घटनाओं पर एक नजर
वर्ष 2020 में फसल, घर, मकान आदि मिलाकर कुल 10 घटनाएं घट चुकी हैं।
पीड़ितों को सहायता राशि मिली -49 हजार 400