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बिना वैज्ञानिक संचालित हो रही विधि विज्ञान प्रयोगशाला

जागरण संवाददाता उरई संगीन आपराधिक मामलों में लिप्त अपराधियों के विरुद्ध मजबूत वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाकर उनको कोर्ट में सजा दिलाई जा सके इसके लिए प्रत्येक जनपद में विधि विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित की गई है। आपराधिक घटनाओं की सूचना के बाद सबसे पहले फॉरेंसिक टीम को मौके पर भेजा जाता है। जिससे कि क्राइम सीन को कवर कर अपराधियों द्वारा छोड़े गए निशान सैंपल के रूप में जुटाए जा सकें परंतु जिले की विधि विज्ञान प्रयोगशाला बिना वैज्ञानिक के संचालित हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 07:20 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 07:20 PM (IST)
बिना वैज्ञानिक संचालित हो रही विधि विज्ञान प्रयोगशाला
बिना वैज्ञानिक संचालित हो रही विधि विज्ञान प्रयोगशाला

जागरण संवाददाता, उरई : संगीन आपराधिक मामलों में लिप्त अपराधियों के विरुद्ध मजबूत वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाकर उनको कोर्ट में सजा दिलाई जा सके इसके लिए प्रत्येक जनपद में विधि विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित की गई है। आपराधिक घटनाओं की सूचना के बाद सबसे पहले फॉरेंसिक टीम को मौके पर भेजा जाता है। जिससे कि क्राइम सीन को कवर कर अपराधियों द्वारा छोड़े गए निशान सैंपल के रूप में जुटाए जा सकें, परंतु जिले की विधि विज्ञान प्रयोगशाला बिना वैज्ञानिक के संचालित हो रही है।

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पुलिस लाइन के समीप विधि विज्ञान प्रयोगशाला का अलग से कार्यालय स्थापित है। उसी में प्रयोगशाला संबद्ध है, इसके अलावा एक मोबाइल प्रयोगशाला है। जिससे घटना स्थल पर सैंपल को लेकर सुरक्षित किया जा सके। संसाधनों के लिहाज से मानक पूरा है, लेकिन असली दिक्कत विधि विज्ञान विशेषज्ञ की है। करीब एक साल से विधि विज्ञान प्रयोगशाला में वैज्ञानिक की नियुक्ति नहीं है। हालांकि चार पुलिस कर्मियों की तैनाती विधि विज्ञान प्रयोगशाला में है जिन विधि विज्ञान का प्रशिक्षण प्राप्त है। अभी तक फुट एवं फिगर प्रिट लेने के बाद उनको जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा या फिर लखनऊ भेजा जाता है, जहां नंबर आने के बाद जांच रिपोर्ट आ पाती थी, जिसका फायदा अपराधियों को मिलता था। कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर समय से फॉरेंसिक रिपोर्ट सम्मिट नहीं हो पाती थी, लेकिन अब इसमें सुधार हो जाएगा। फुट व फिगर प्रिटं की जांच स्थानीय प्रयोगशाला में ही हो सकेगी। इसके लिए लैब को उच्चीकृत किया जाएगा। नई मशीन स्थापित की जाएगी। इसके अलावा अलग अलग सैंपलों के लिए परीक्षण केंद्र निर्धारित किए गए हैं। विस्फोटक मामलों के सैंपल झांसी की प्रयोगशाला, विषाक्त संबंधित विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा एवं डीएनए तथा फिगर व फुट प्रिट संबंधित जांचें विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा भेजी जाएंगी। कोट

विधि विज्ञान प्रयोगशाला में संसाधन पूरे हैं उनको और बढ़ाया जाएगा। वैज्ञानिक की तैनाती के लिए पत्राचार किया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।

डॉ. यशवीर सिह, पुलिस अधीक्षक


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