नोटों को गिनते समय थूक का न करें प्रयोग, फैल सकता वायरस
गरण संवादाता उरई कोरोना वायरस के मरीजों की संख्य
जागरण संवादाता उरई : कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसी स्थित में सावधानी बरतने की बहुत जरूरत है। पुरानी प्रथा को त्याग कर नई दिशा में अग्रसर होने का समय आ गया है। प्रतिष्ठान या अन्य किसी से नकदी लेते समय नोटों को गिनते समय थूक लगाने का चलन अभी भी चला आ रहा है। हाल ही में एक प्रसिद्ध मिष्ठान व्यापारी के काउंटर पर बैठने वाला पुत्र कोरोना संक्रमित हो चुका है। कई अन्य दुकानदार भी इसकी चपेट में आ चुके हैं। चिकित्सक कहते हैं कि सावधानियां बरत कर खुद और स्वजनों के साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।
जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुनीता बनौधा का कहना है कि जो लोग थूक लगाकर नोटों को गिनने का काम कर रहे हैं। उन्हें इस बात को बखूबी समझ लेना होगा कि थूक लगाकर नोटों को गिनने से तीन दिन तक संक्रमण बना रहता है। ऐसे में वह नोट जिसके हाथ में भी जाएगा, वह व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। दूसरे व्यक्ति से नोट लेते समय ग्लब्स का प्रयोग करें। कोशिश यही करें कि दूसरे से लिए जाने वाले नोट को तीन दिनों तक अलग रखें। तभी खुद और दूसरे व्यक्ति को सुरक्षित रख सकते हैं।
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डिजिटल पेमेंट करेगा मदद
अगर लेनदेन करना है तो डिजिटल का प्रयोग करें। यह कोरोना संकट के समय सबसे लाभदायक सिद्ध होगा। इससे एक दूसरे से स्पर्श भी नहीं हो पाएगा और खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित रख पाएंगे। छोटी-छोटी सावधानियां अपनाकर ही जिले को कोरोना वायरस से मुक्ति दिला सकते हैं। सब्जी विक्रेता रखें बॉक्स
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुनीता बनौधा का कहना है कि कोरोना काल को देखते हुए सब्जी विक्रेताओं को दो बॉक्स रखने की जरूरत है। सिक्के और नोट लेते हैं तो हाथ में ग्लब्स के साथ सैनिटाइजर का प्रयोग करें। रुपये को बॉक्स में डाल दें। पहले दिन की बिक्री को तीन दिन बाद स्पर्श करें। इसके उपरांत दूसरे बॉक्स का प्रयोग करें। यह बचाव कर संक्रमण को काफी हद तक रोका जा सकता है। बहुत जरूरी हो तो नोटों को करें सैनिटाइज
अगर नोटों के बगैर काम नहीं हो पा रहा है तो हाथ में सैनिटाइजर लेकर नोटों पर लगाएं। फिर उसे चलन में ला सकते हैं। लेकिन यह हर समय संभव नहीं है कि सैनिटाइजर कर सकें।