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काम धंधा छोड़ प्रवासियों में घर पहुंचने की व्याकुलता

जागरण संवाददाता उरई कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से देश भर में भयावह हालात बनते जा रहे हैं। जिसके बाद दूसरे राज्यों में रहकर काम धंधा कर रहे प्रवासी जिदगी की खातिर अपने गांव लौटना ही मुनासिब समझ रहे हैं। भविष्य में जीविका चलाने की चिता उनके चेहरे पर साफ छलक रही थी लेकिन उनमें घर पहुंचने की व्याकुलता भी नजर आ रही थी। विभिन्न ट्रेनों से जिले के 55 प्रवासी श्रमिक आए। कोविड जांच में एक प्रवासी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसके बाद उसे होम आइसोलेशन में भेज दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 05:32 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 05:32 PM (IST)
काम धंधा छोड़ प्रवासियों में घर पहुंचने की व्याकुलता
काम धंधा छोड़ प्रवासियों में घर पहुंचने की व्याकुलता

जागरण संवाददाता, उरई : कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से देश भर में भयावह हालात बनते जा रहे हैं। जिसके बाद दूसरे राज्यों में रहकर काम धंधा कर रहे प्रवासी जिदगी की खातिर अपने गांव लौटना ही मुनासिब समझ रहे हैं। भविष्य में जीविका चलाने की चिता उनके चेहरे पर साफ छलक रही थी, लेकिन उनमें घर पहुंचने की व्याकुलता भी नजर आ रही थी। विभिन्न ट्रेनों से जिले के 55 प्रवासी श्रमिक आए। कोविड जांच में एक प्रवासी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसके बाद उसे होम आइसोलेशन में भेज दिया गया है।

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कोरोना से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच अब टेस्ट में अव्यवस्था देखने को मिल रही है। ट्रेनों में बैठकर बाहर से आने वाले प्रत्येक यात्री की कोरोना जांच कराने को कहा गया है। लेकिन केवल दो ही टीमों के सक्रिय होने की वजह से सभी यात्रियों की कोविड जांच करना मुमकिन नहीं हो पा रहा है । पुष्पक, कुशीनगर एक्सप्रेस, साबरमती एक्सप्रेस एवं लखनऊ मुंबई एक्सप्रेस में यात्रियों की जांच शनिवार को नहीं हुई। हालांकि ज्यादा जोर प्रवासी श्रमिकों की निगरानी पर हैं। मुंबई एवं गुजरात से आने वाले श्रमिकों को प्राइम सस्पेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। गुरुवार को अलग-अलग ट्रेनों से उरई रेलवे स्टेशन पर 227 प्रवासी श्रमिक उतरे। जिनमें जनपद जालौन के 55 थे। दूसरे जनपदों के प्रवासी श्रमिक अलग अलग साधनों से रवाना हो गए। जिले के 55 श्रमिकों को एक कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। जिसके बाद उसे आइसोलेशन में भेज दिया गया है। मंजिल नजदीक आने के बाद मिटी सफर की थकान :

कोरोना के कहर की वजह से मुंबई, गुजरात, दिल्ली जैसे राज्यों में काम धंधे ठप हैं। इसकी वजह से श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट भी खड़ा हो रहा है। हालात और बदतर हों इससे पहले वे अपने घर लौटना चाहते हैं। लंबे सफर में प्रवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन जब मंजिल नजदीक आयी तो पूरी थकान जैसे खत्म हो गई। अपनी माटी में ही रोजगार का विकल्प ढूंढने की ललक :

कोरोना को लेकर जिस तरह के भयावह हालात बनते जा रहे हैं। उसके बाद अब दूसरे राज्यों में रहकर रोजगार को जमा पाना कठिन लग रहा है। इस वजह से श्रमिक चाहते हैं कि अपने गांव या जनपद में ही रोजगार का विकल्प तैयार हो जाए। जिससे कोरोना के बीच भी जीविका की गाड़ी चलती रहे। बाहर से लौटकर आये रामबाबू, शिवकरन ने बताया कि वे चाहते हैं जब तक कोरोना पर पूरी तरह सं अंकुश नहीं हो जाता वे अपने घर में रहकर काम धंधा करें। शनिवार को जिले में आए प्रवासी

ट्रेनों से उतरे कुल प्रवासी - 227

जिसे के प्रवासी - 55

कोरोना संक्रमित मिले प्रवासी - एक


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