प्राथमिक विद्यालयों के निश्शुल्क पुस्तक वितरण में करोड़ों का गड़बड़झाला
विमल पांडेय उरई
प्राथमिक विद्यालयों के निश्शुल्क पुस्तक वितरण में करोड़ों का गड़बड़झाला
विमल पांडेय, उरई : जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की एक और करतूत सामने आई है। वर्ष 2021-22 के सत्र में निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकों के वितरण व कार्य पुस्तिकाओं के क्रय विक्रय में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। अब इस करतूत को दबाने के लिए विद्यालयों से शत प्रतिशत पुस्तकें बांटे जाने का प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी ने इस मामले को संज्ञान में लिया है। मामले को काफी दिनों से बेसिक शिक्षा विभाग दबाने में जुटा है। डीएम प्रियंका निरंजन ने फिलहाल एक जांच कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं।
वर्ष 2021- 2022 के शैक्षिक सत्र में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकें व कार्य पुस्तिकाओं के क्रय विक्रय व वितरण में जमकर गड़बड़झाला किया गया है। शासन से 2 करोड 37 लाख रुपये की राशि से प्राथमिक विद्यालयों में पुस्तकों का वितरण होना था, लेकिन जिले में 60 प्रतिशत पुस्तकों का वितरण भी नहीं किया गया। इस बात की तस्दीक स्वयं प्राथमिक विद्यालय कर रहे हैं। अब घोटाले की आंच को दबाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग जिले भर के विद्यालयों से जबरन पुस्तकें वितरण का प्रमाण पत्र मांग रहा है। सवाल है कि जब पुस्तकें बांटी ही नहीं गई तो उनसे पुस्तक वितरण का प्रमाण पत्र क्यों मांगा जा रहा है। मामले में बीएसए प्रेम चंद्र यादव का पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन लगातार स्विच आफ रहा।
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शिक्षकों पर जबरन बनाया जा रहा दबाव :
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने बताया कि जिले में पुस्तक वितरण के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया गया है। घोटाले को छिपाने के लिए विभाग के उच्चाधिकारी अपने विभागीय अधिकारियों के माध्यम से अध्यापकों पर दबाव बनाकर फर्जी पुस्तक वितरण प्रमाण पत्र मांग रहे हैं। उन्हें वेतन रोकने व निलंबन तक की धमकी दी जा रही है। आरोप है कि जांच के नाम पर जिला प्रशासन ने पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया है।
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ऐसे किया गया गड़बड़झाला :
वर्ष 2021- 2022 में जिले के महेबा व कदौरा ब्लाक के किसी भी विद्यालय में कक्षा एक की किताबें नहीं पहुंची। यह बात शिक्षक दबी जुबान से बताते हैं जबकि किताबों के वितरण को लेकर बीते अक्टूबर माह में शिक्षको के द्वारा जनपद के नौ ब्लाकों से मांगपत्र बीईओ के माध्यम से बीएसए को प्रेषित किए थे। फिर भी किताबें नही भेजी गईं। इससे पूर्व 2020- 21 में भी निशुश्ल्क बांटी जाने वाली पुस्तकें विद्यालयों तक नही पहुंचाई गईं थीं।
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जनपद में परिषदीय विद्यालयों की संख्या व छात्रों की संख्या
प्राथमिक विद्यालय : 949
उच्च प्राथमिक विद्यालय : 322
कंपोजिट विद्यालय : 229
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कुल छात्र
1लाख 55 हजार 394
हिंदी माध्यम के छात्रों की संख्या : 1लाख 36 हजार 344
अंग्रेजी माध्यम के छात्रों की संख्या : 19 हजार 50
उर्दू माध्यम के छात्रों की संख्या : 1523
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शिकायत मिली है, जिसमें एक जांच कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम कालपी को नामित किया गया है। कुछ स्थानों में किताबों का वितरण न होने की बात सामने आई है। जांच के बाद स्थिति सामने आएगी।
प्रियंका निरंजन, डीएम जालौन
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जिले के बीएसए पर गंभीर आरोप हैं इसकी निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए। शिक्षकों को अनावश्यक प्रताड़ित किया जा रहा है। जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच की अपेक्षा की गई है। दोषी लोगों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
धनश्याम अनुरागी
जिला पंचायत अध्यक्ष
शिकायतकर्ता